भूमि घोटाले में एक विधायक नहीं बल्कि पूर्व मुख्य सचिव व भाजपा के नेता लिप्त
– पत्रकारों से चर्चा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा, सौरभ शर्मा की हत्या हो सकती है, उसको पूरी सुरक्षा के साथ न्यायिक हिरासत में लाया जाए, जिससे उसकी गाढ़ी कमाई में शामिल अन्य चेहरे सामने आ सकें
मुरैना. प्रदेश में सहारा समूह की बेशकीमती जमीनों को बाजार मूल्य से बेहद कम दाम करके बेचने के मामले में एक विधायक ही नहीं बल्कि पूर्व मुख्य सचिव इकबाल बैश सहित भाजपा के कई नेता लिप्त हैं, अगर इसकी गहराई से जांच कराई जाए तो मामला सामने आ सकता है। उक्त बात विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने मुरैना रेस्ट हाउस पर व्यक्त किए। वह पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उप नेता प्रतिपक्ष कटारे आगामी २७ जनवरी को महू में कांग्रेस की होने जा रही जय बापू, जय भीम, जय संविधान यात्रा में मुरैना से अधिक से अधिक लोग शामिल हो, इसके लिए कार्यकर्ता बैठक लेने आए थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हुए भूमि घोटाले में संजय पाठक के अलावा भाजपा के अन्य कई नेता शामिल हो सकते हैं। आगामी सदन इस मामले को विधानसभा में उठाया जाएगा और जो भी चेहरे, इसमें शामिल हैं, उनको बेनकाव किया जाएगा। उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि सौरभ शर्मा की डायरी में कांग्रेस नेताओं के नाम होते तो भाजपाई गली मौहल्लों में प्रदर्शन कर रहे होते, यह तय है कि डायरी में भाजपाइयों के नाम हैं। ये बिस्किट और करोड़ों रुपए किसके हैं, इसका खुलासा होना चाहिए। इसकी सीबीआई जांच हो, वह भी न्यायालय की देखरेख में। इस मामले को भी आगामी सदन उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने कभी सत्र पूरा नहीं होने दिया था लेकिन कई सालों बाद पहली बार सदन पूरे पांच दिन तक चला। सतपुड़ा भवन में आग के मामले में कटारे ने कहा कि आग कैसे लगी, यह वीवीआईपी जोन होता है, यहां बिना चेक किए अंदर नहीं घुस सकता। इसकी सीबीआई से जांच कराई जाए, वह भी न्यायालय की देखरेख में की जाए। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि इसे शराबंदी नहीं कहेंगे, शराब तो चालू रहेगी, उसका एरिया डिवाइड कर दिया है। कालाबाजारी कैसे की बढा़ई जाए, वह देखने को मिलेगा। उज्जैन में मुख्यमंत्री हाउस से जुड़े लोग हैैं, वह शराब के कारोबार से जुड़े हैं। इस अवसर पर पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार, अंबाह विधायक देवेन्द्र सखवार, जिलाध्यक्ष मधुराज तोमर, दीपक शर्मा, सुनील शर्मा, हरिओम राजौरिया, ग्याप्रसाद शर्मा, राजेन्द्र यादव, सत्यपाल कुशवाह, राजेन्द्र यादव, रामकुमार पाराशर आदि मौजूद रहे।