आपको बतादें कि 5 मई शुक्रवार को चंबल क्षेत्र में जमीनी विवाद के चलते एक ही परिवार के 9 लोगों को घेरकर उन पर बंदूक से हमला किया गया था, जिसमें ३ महिलाओं सहित 6 लोगों की हत्या हो गई थी, वहीं 3 लोग गंभीर रूप से घायल हैं जिनका ग्वालियर में इलाज चल रहा है।
बंदूक के लायसेंस लेकर क्या फिर लेंगे बदला
इस घटनाक्रम में दोनों ही पक्ष चेचेर भाईयों का परिवार है, ये घटनाक्रम 2013 से चला आ रहा है, उस समय गजेंद्र सिंह तोमर पक्ष द्वारा वीरभान और उसके भाई सोवरन की हत्या कर दी थी, इसके बाद ये परिवार गांव छोडक़र अहमदाबाद चला गया था, फिर 10 साल बाद लौटा तो 2 हत्या का बदला लेने के लिए वीरभान के परिवार द्वारा गजेंद्र सिंह के परिवार पर लाठियों से हमला करने के बाद गोली मारकर 6 लोगों की हत्या कर दी गई, चूंकि जिस समय इन्हें घेरकर मारा गया उस समय ये निहत्थे थे, किसी के पास कोई हथियार नहीं था, अब इन्होंने प्रशासन से 5 बंदूक के लायसेंस मांगे हैं, ये मांग प्रशासन द्वारा मान ली गई है, लेकिन इस मांग से ये सवाल खड़ा होता है कि ये लोग क्या 5 बंदूक अपनी सुरक्षा के लिए लेंगे या फिर बंदूक का हिसाब बंदूक से करेंगे। यानी क्या फिर खूनी खेल जारी रहेगा।
मुरैना हत्याकांड में शनिवार को पुलिस ने सभी 6 मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंपने चाहे, लेकिन परिजनों ने इस घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था, काफी समझाने और पीडि़त परिवार की मांगे मानने के बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए माने हैं। मृतकों के शव श्मशान घाट पर लाए गए, जहां अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही है।
प्रशासन ने मानी ये मांगे
-पीडि़त परिवार को मिलेंगे 5 बंदूक के लायसेंस।
-परिवार के नाम संबल योजना में जोड़े जाएंगे।
-गांव में 1/4 की गार्ड तैनात होगी।
-मृतकों के परिजनों के नाम बीपीएल सूची में जोड़े जाएंगे।
अभी तक हाथ नहीं आए गोलीकांड के आरोपी
बंदूक से गोली मारने के बाद आरोपी पूरे परिवार के साथ फरार हो गए हैं, जिनका अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है, बताया जा रहा है कि आरोपी पहले से ही हत्या की तैयारी करके बैठे थे, वे हत्या के बाद बंदूकों सहित परिवार की महिलाओं को लेकर फरार हो गए हैं, घर में बस एक ९५ साल की बुजुर्ग महिला को छोडक़र गए हैं, जो खटिया पर लेटी हुई हैं।