इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया भीगते हुए लोगों से मिलने के लिए गए। इस दौरान मंच में भी बारिश होती रही। लेकिन इसके बाद भी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोगों को संबोधित किया। सिंधिया ने इस दौरान कहा- मंदसौर नीमच का दौरा करते हुए मैं आपके बीच आया हूँ। मेरा लगाव इस क्षेत्र से राजनीतिक नही है, मेरा आपका लगाव ह्रदय का है। अन्नदाता के साथ है, इस माटी के साथ है। इस दुःख की घड़ी में आपका दर्द बांटनें का, आपकी पीड़ा सुनने का मेरा दायित्व ही नही, मेरा धर्म भी है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा- चंबल के साथ दुख दर्द में मेरा परिवार सदैव साथ खड़ा रहा है। मेरे पूज्य पिताजी का जीवन भर इस क्षेत्र से सेवारूपी जुड़ाव रहा है। आज संकट के समय में मैं स्वयं आपके साथ खड़ा हूं। सिंधिया ने कहा- मैं जब रास्ते में लोगों से चर्चा कर रहा था, तब उन्होंने बताया -“अभी तो स्थिति फिर भी सामान्य है। 4-5 दिन पहले चारो तरफ पानी ही पानी। सड़के डूब चुकी थी, हमें राशन लेने भी नाव से आना जाना पड़ रहा था। मेरा मानना है ये बाढ़ नहीं है, ये एक प्राकृतिक आपदा है जो हम सब पर विपत्ति बनकर आयी है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा- इस संकट के समय में राजनीति न करते हुए हर अन्नदाता की मदद करना मैं अपना धर्म मानता हूं। हर किसान को मुआवजा मिलना चाहिए।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा- भारी बारिश के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। किसी तरह के सर्वे की जरूरत नहीं है सीधे किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए। सिंधिया ने कहा कि जनता के दुख दर्द में राजनीति नहीं होनी चाहिए।