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मोरेना

परीक्षाएं नजदीक, अभी तक नहीं बंटी किताबें, भरे पड़े हैं एक्सीलेंस छात्रावास के तीन कमरे

– सवाल: छात्रों को किताब नहीं मिली फिर कैसे हो रही पढ़ाई
– विभागीय अधिकारी बोले: जिले के स्कूलों में कमजोर छात्रों के लिए आई हैं पुस्तकें

मोरेनाDec 25, 2024 / 10:45 am

Ashok Sharma

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मुरैना. वार्षिक परीक्षाएं नजदीक आ चुकी हैं और शिक्षा विभाग अभी किताब ही बांट रहा है। सरकारी स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। खास बात यह है कि सीएम राइज स्कूलों के लिए सितंबर महीने में पुस्तक आई थीं, लेकिन अभी तक पड़ी कबाड़ हो रही हैं।
शहर के गणेश पुरा में डीपीसी कार्यालय के बगल से स्थित शासकीय एक्सीलेंस स्कूल के बालक छात्रावास में बड़ी मात्रा में तीन कमरों में बड़ी मात्रा में पुस्तक रखी हुई हैं। वहां मौजूद शिक्षक के अनुसार कक्षा नौवीं, दसवीं के उन छात्र छात्राओं के लिए पुस्तक आई हैं जो कमजोर छात्र- छात्राएं हैं, उनके लिए अलग से कक्षाएं लगाई जा रही हैं। छात्रावास के एक कमरे में नौवीं, दसवीं, एक में सी एम राइज हजीरा ग्वालियर के नाम से और एक में खुले में बड़ी मात्रा पुस्तक रखी हुई हैं। वहीं बाहर सीढिय़ों के पास खुले में सीएम राइज स्कूल की पुस्तकें रखी हुई हैं और पास में ही सीएम राइज स्कूल के छात्रों की डायरी रखी हुई हैं। सवाल यह है कि परीक्षाएं नजदीक हैं और अभी किताबों को वितरण चल रहा है, इसके लिए वाकायदा एक शिक्षक को तैनात किया गया है, जो किताबों का वितरण कर रहे हैं।
छात्रों संख्या के मान से अधिक आई पुस्तकें
शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों की बात मानें तो छात्र संख्या के मान से ज्यादा पुस्तकें आ गई हैं इसलिए रखी हुई हैं। लेकिन जब ज्यादा आ गई तो उनके वितरण के लिए एक शिक्षक की ड्यूटी क्यों लगाई गई।
पूर्व में कबाड़ में बेचने के मामले भी आए सामने
शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा छात्रों की संख्या का ठीक से आकलन नहीं किया जाता इसलिए हर साल किताब ज्यादा आ जाती है। पूर्व में कई बार कबाड़ में बेचने के मामले भी सामने आ चुके हैं। पिछली साल पोरसा में एक हैडमास्टर कबाड़ की दुकान पर पुस्तक बेचते हुए पकड़ा गया था। इससे पूर्व एक मामला जौरा क्षेत्र में भी इस तरह का सामने आ चुका है।
कथन
  • जिले के ऐसे विद्यालय जिनके कमजोर बच्चे जो ई व डी ग्रेड में आए हैं, उनकी तैयारियों के लिए पुस्तक आई हैं। कुछ स्कूल ले गए और चाार पांच स्कूलों में पुस्तक और पहुंचनी हैं। सीएम राइज स्कूल की पुस्तक सितंबर में आई थी, कुछ बंट गई और कुछ बची हैं, जो रखी हुई हैं। सीएम राइज के बच्चों की डायरी भी रखी हैं।
    टीकाराम जाटव, शिक्षक, हॉस्टल ड्यूटी
  • पिछले साल की छात्र संख्या के हिसाब से पुस्तक आई थीं, इस साल छात्र संख्या का अनुपात पिछले साल की अपेक्षा काफी कम हुआ है इसलिए किताब बच गई हैं। वहीं हजीरा ग्वालियर सीएम राइज के नाम से बंडल आए थे, वहां से मुरैना भेजी गई हैं।
    महेश मावई, एडीपीसी, डीइओ कार्यालय

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