गोलू-2 की डाइट पर हर दिन करीब 10 हजार रुपए खर्चा आता है। उसकी डाइट में चारे के साथ साथ 20 लीटर दूध, आधा किलो देसी घी, आधा लीटर सरसों का तेल और मौसमी फल दिये जाते हैं। यही नहीं, इतना सब पचाने के लिए उसे रात के समय हाजमे की गोली भी दी जाती है। इस सबके साथ साथ भैंसे की सुरक्षा का भी खास ध्यान रखा जाता है। बता दें कि, इसकी सुरक्षा में 24 घंटे 12 बंदूकधारी लोग तैनात रहते हैं।
यह भी पढ़ें- बकरी ने दिया इंसानी शक्ल के मेमने को जन्म, देखने वालों की उमड़ी भीड़, वीडियो वायरल
गोलू-2 के नहाने के लिए स्पेशल पूल
भैंसे के मालिक नवीन का कहना है कि, उन्होंने गोलू के आराम का भी खास ध्यान रखा है। उसके नहाने के लिए नवीन ने अपने खेत पर ढाई हजार वर्गफीट में स्पेशल पूल बनवाया है। 50 बाय 50 के इस स्पेशल पूल में गोलू रोजाना करीब दो घंटे नहाता है। देश में लगने वाले सभी पशु और किसान मेले में नवीन आकर्षण का केंद्र भैंसे को लेकर जाते हैं। चित्रकूट में आयोजित किसान मेले में एक व्यापारी ने भैंसे को 10 करोड़ रुपए में खरीदने की इच्छा जताई थी। लेकिन नवीन के अनुसार, वो उसे बेचना नहीं चाहते। नवीन का कहना है कि, उन्होंने गोलू को बचपन से पाला है। मुर्रा नस्ल के इस भैंसे की उम्र साढ़े चार साल हो चुकी है।
यह भी पढ़ें- नवविवाहिता की संदिग्ध मौत : ससुराल बोला- आत्महत्या की है, मायके पक्ष का आरोप- गला रेतकर मारा
भैंसा गोलू-2 से 12 साल होगी कमाई
भैंसे की खासियत बताते हुए नवीन ने कहा कि मार्केट में इसके सीमन की बहुत डिमांड है। एक बार में इसका सीमन (शुक्राणु) निकालने पर 1500 से लेकर 2000 यूनिट सीमन तैयार होता है। प्रति यूनिट 300 रुपए में बिकती है। घर से ही सारा सीमन विक्रय होता है। इससे हर महीने की करीब 12 लाख रुपए तक की कमाई होती है। 3 लाख रुपए महीना इसके खाने-पीने पर खर्च हटाने के बाद 9 लाख रुपए महीने की इससे आमदनी होती है। नवीन के अनुसार, आगामी अभी 12 साल ये और कमाकर देगा। नवीन ने बताया कि, गोलू-2 की मां दिनभर में 36 लीटर तक दूध देती है। गोलू-2 से पैदा हुई संतान भी शुरुआत में 15 से 20 लीटर दूध देगी और बढ़ते-बढ़ते ये 30 लीटर तक हो जाएगा।
यह भी पढ़ें- पेट्रोल पंप लूटने आए बदमाश, स्टाफ को पीटा, तोड़फोड़ के साथ फायरिंग करते हुए फरार
इसलिए नाम पड़ा गोलू-2
नवीन का कहना है कि, गोलू-2 के दादा का नाम गोलू-1 था, जिसे मैंने सबसे पहले तैयार किया था। पिछले दिनों उसकी मौत हो गई। नवीन उसे लेकर भी देशभर के किसान मेलों में जा चुका था। उसके सीमन को काफी जगह दिया। गोलू-1 के बाद मैंने पीसी-483 तैयार किया। ये गोलू-2 का पिता हैं। गोलू-2 के पिता को हरियाणा सरकार को नस्ल सुधार के लिए उपहार में दे दिया। इसके बाद अब ये गोलू-2 है। इसको लेकर भी वो देश के कई मेलों में जा चुके हैं।
तीन बहनों के इकलौते मासूम भाई को कार ने रौंदा, देखें वीडियो