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मोरेना

शिक्षित बेटियां ही समृद्ध और विकसित समाज की पहचान: खाद्य मंत्री

– राष्ट्र माता सावित्री बाई ने जलाई थी महिलाओं में शिक्षा की ज्योति: पूर्व विधायक रघुराज कंषाना
– अखिल भारतीय कुशवाह समाज ने मनाई सावित्री बाई फुले की जयंती

मोरेनाJan 12, 2025 / 11:28 am

Ashok Sharma

मुरैना. शिक्षित बेटी ही समृद्ध व विकसित समाज की पहचान होती है, इसलिए सावित्री बाई फुले से प्रेरित होकर समाज अपनी बेटियों को शिक्षित करें। उक्त उद्गार उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने व्यक्त किए। खाद्य मंत्री अखिल भारतीय कुशवाह समाज द्वारा शनिवार को टाउन हॉल में आयोजित राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले की 194वीं जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के आसंदी से बोल रहे थे।
मुख्य अतिथि मंत्री कुशवाह ने कहा कि सावित्रीबाई फुले का विवाह बहुत ही छोटी उम्र में ज्योतिबाराव फुले से हो गया। विवाह के समय वह पढ़ी-लिखी नहीं थीं। लेकिन पढ़ाई में उनका मन बहुत लगता था। उनके पढऩे और सीखने की लगन से प्रभावित होकर उनके पति ने उन्हें आगे पढऩा और लिखना सिखाया। सावित्रीबाई ने अहमदनगर और पुणे में शिक्षक बनने का प्रशिक्षण लिया और एक योग्य शिक्षिका बनीं। इसलिये बेटे व बेटियों को समाज मुख्य रूप से शिक्षित करें। पूर्व विधायक रघुराज सिंह कंषाना ने कहा कि महिलाओं को शिक्षित करने की दिशा में राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले ने जो ज्योति जलाई थी, वह अनुकरणीय थी।उन्होने ऐसे समय में नारी शक्ति को शिक्षित करने का वीणा उठाया, जिस समय नारी को चार दीवारी के अंदर कैद रखा जाता था। आजादी के पहले तक भारत में महिलाओं की गिनती दोयम दर्जे में होती थी। आज की तरह उन्हें शिक्षा का अधिकार नहीं था। ऐसे समय में सावित्रीबाई फुले ने जो कर दिखाया वह कोई साधारण उपलब्धि नहीं है। वह जब स्कूल पढऩे जाती थीं तो लोग उन पर पत्थर फेंकते थे। इस सबके बावजूद वह अपने लक्ष्य से कभी नहीं भटकीं और लड़कियों व महिलाओं को शिक्षा का हक दिलाया। भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले ने अपने पति समाजसेवी महात्मा ज्योतिबा फुले के साथ मिलकर 1848 में उन्होंने बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पोहरी विधायक कैलाश सिंह कुशवाह ने कहा कि भारत में आजादी से पहले समाज के अंदर छुआ-छूत, सतीप्रथा, बाल-विवाह और विधवा-विवाह जैसी कुरीतियां व्याप्त थी। सावित्रीबाई फुले का जीवन बेहद ही मुश्किलों भरा रहा। दलित महिलाओं के उत्थान के लिए काम करने, छुआछूत के खिलाफ आवाज उठाने के कारण उन्हें एक बड़े वर्ग द्वारा विरोध भी झेलना पड़ा।
  • कार्यक्रम में इनकी रही उपस्थिति
    पार्षद डॉ. योगेन्द्र मावई, मेवाराम कुशवाह, जिलाध्यक्ष गादीपाल कुशवाह, रामलखन कुशवाह जिपं सदस्य नरवर, शिशुपाल कुशवाह पोहरी विधायक प्रतिनिधि, सर्वेन्द्र कुशवाह वरिष्ठ नेता बसपा, श्रीकृष्ण सिंह जिलाध्यक्ष आम आदमी पार्टी, सुशील कुशवाह पूर्व जिला महामंत्री, देवदत्त कुशवाह पूर्व सरपंच जगतपुर विचौली आदि मंचासीन रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पोहरी विधायक कैलाश सिंह कुशवाह द्वारा की गई एवं मंच का सफल संचालन राजकुमार सिंह कुशवाह द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों एवं शिक्षक व शिक्षिकाओं को शील्ड व सॉल देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में कुशवाह समाज के लोग कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। कार्यक्रम की शुरूआत राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले के चित्र पर द्वीप प्रज्ज्वलित कर की गई। इसके बाद सभी अतिथियों का फूल माला व साफा बांधकर स्वागत किया गया।

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