मुरैना. रामपुरकलां थाना क्षेत्र के बातेड़ में खेत पर बनी झोपड़ी में खेल रहे 2 मासूम भाई-बहनों पर 10 जनवरी को दोपहर लकड़बग्घे ने हमला कर दिया, जिसमें दोनों बच्चे गंभीर रूप से जख्मी हो गए। बच्चों की चीख सुनकर उन्हें बचाने के लिए आए ताऊ का भी हाथ लकड़बग्घे ने काट लिया। तीनों को गंभीर हालत में रामपुरकला अस्पताल से मुरैना जिला अस्पताल रैफर किया गया है। जानकारी के अनुसार रामपुरकलां थाना क्षेत्र में भवरेछा से 3 किमी दूर बातेड़ गांव में भोगीराम कुशवाह व कल्ला कुशवाह खेत पर ही अपने परिवार के साथ रहते हैं। शुक्रवार को दोपहर कल्ला कुशवाह का बेटा शिवम (12) व प्रियांशी (10) खेत पर बनी छान पर खेल रहे थे। वहीं दोनों बच्चों का ताऊ भोगीराम खेत पर काम कर रहा था। इसी दौरान लकड़बग्घे ने दोनों बच्चों के ऊपर हमला कर दिया। इस हमले में मासूम बच्चों के हाथ-पैरों और चेहरे लहुलुहान हो गए। बच्चों की चीख-पुकार सुनकर उनका ताऊ भोगीराम बचाने दौड़े। भोगीराम ने जैसे ही लकड़बग्घे को भगाने की कोशिश की तो उसने भोगीराम के हाथ में भी काट लिया। ग्रामीणों का शोरगुल सुनकर लकड़बग्घा भाग गया। दोनों बच्चों और भोगीराम को सबलगढ़ हॉस्पिटल लाया गया, लेकिन वहां एंटी रैबीज इंजेक्शन न मिलने पर तीनों को जिला अस्पताल रैफर किया गया। यहां से गंभीर रूप से तीनों को ग्वालियर भेजा गया। यहां इलाज के दौरान मासूम बेटे की मौत हो गई। इम्यूनोग्लोबिन इंजेक्शन के अभाव में जा रही है लोगों की जान जिला अस्पताल में इम्यूनोग्लोबिन इंजेक्शन के अभाव में लोगों की जान जा रही है। यह इंजेक्शन ज्यादातर मेडिकल कॉलेज ग्वालियर में मिलता है। मुरैना से मरीज को ग्वालियर रैफर करते हैं, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। अगर जिला अस्पताल में उपलब्ध होते तो लोगों को समय पर इंजेक्शन लग जाता और उनकी जान बचाई जा सकती थी। इस इंजेक्शन के अभाव में रामपुर के शिवम सहित तीन लोगों की जान जा चुकी है। रुधावली क्षेत्र में भी कर चुका है ग्रामीणों को घायल लक्कड़बग्घा नाम का खतरनाक जानवर का रामपुरकला के अलावा अंबाह क्षेत्र के रुधावली एरिया में आतंक है। कुछ दिन पूर्व रुधावली क्षेत्र में भी हमलाकर ग्रामीणों को घायल कर चुका है। ग्रामीणों का कहना हैं कि सूचना के बाद भी वन विभाग के जिम्मेदार रेस्क्यू नहीं करते। वन विभाग की अनदेखी का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।