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मुरादाबाद

ग्रामीणों के आक्रोश का शिकार हुआ तेंदुआ, जख्मी जानवर को इलाज के लिए पहुंचाया

Highlights:
-तेंदुए के शरीर पर कई घाव आए
-उसकी दाहिनी आंख में सूजन भी आई है
-वाइल्डलाइफ एसओएस ने जानवर को इलाज के लिए पहुंचाया

मुरादाबादJul 18, 2020 / 04:43 pm

Rahul Chauhan

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मुरादाबाद। एक 2 वर्षीय मादा तेंदुआ मुरादाबाद के गाँव की मानव बस्ती में कुछ दिन पहले घुस आई और मानव वन्यजीव संघर्ष का शिकार हो गई l वह एक घर में घुसी और दो लोगों को घायल कर दिया, जिन्हें बाद में स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। गुस्साए ग्रामीणों ने तेंदुए पर हमला कर दिया। जिसके बाद वह बेहोशी की हालत में वहां पड़ी रही। तेंदुए को गंभीर चोटों के साथ छोड़ दिया गया था, लेकिन उत्तर प्रदेश वन विभाग के समय पर हस्तक्षेप से उसकी जान बच गई। जानवर को तत्काल चिकित्सा के लिए बरेली में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आई.वी.आर.आई) में स्थानांतरित कर दिया गया। सिर पर बार-बार प्रहार करने की वजह से तेंदुए के शरीर पर कई घाव आए और इससे उसकी दाहिनी आंख में सूजन भी आई है।
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बरेली के कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट्स द्वारा यह निर्णय लिया गया कि तेंदुए को आगे के इलाज और देखभाल के लिए लखनऊ चिड़ियाघर में स्थानांतरित कर दिया जाए । आई.वी.आर.आई, बरेली से लखनऊ चिड़ियाघर में तेंदुए को सुरक्षित रूप से स्थानांतरित करने के लिए सहायता का अनुरोध करते हुए वन विभाग के अधिकारियों ने वाइल्डलाइफ एसओएस से उनके विशेष परिवहन वाहन की सहायता मांगी।
वाइल्डलाइफ एसओएस के पशुचिकित्सक, डॉ. प्रीतम आचार्य, चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन के अनुरोध पर आगरा से आई.वी.आर.आई, बरेली टीम की सहायता के लिए रवाना हुए। लखनऊ तक की 250 किलोमीटर की यात्रा पर जाने से पहले तेंदुए का मेडिकल परीक्षण और उपचार किया गया, जिसके बाद उसे सुरक्षित रूप से लखनऊ चिड़ियाघर में स्थानांतरित कर दिया गया। तेंदुए को वाइल्डलाइफ एसओएस मोबाइल वेटरनरी यूनिट द्वारा सुरक्षित रूप से लखनऊ चिड़ियाघर के पशु अस्पताल को सौंप दिया गया, जहां अब वह वर्तमान में चिकित्सा अवलोकन के अधीन है।
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वाइल्डलाइफ एसओएस के सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, ‘हम उत्तर प्रदेश वन विभाग के आभारी हैं कि उन्होंने समय पर हस्तक्षेप कर घायल तेंदुए के जीवन को बचाया और बरेली से लखनऊ तक तेंदुए के सुरक्षित परिवहन की ज़िम्मेदारी हमें सौंपी। हमें आई.वी.आर.आई (इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टिट्यूट) और लखनऊ चिड़ियाघर को अपनी विशेष पशु चिकित्सा सहायता प्रदान करने में ख़ुशी हुई।’
बरेली के वन संरक्षक, जावेद अख्तर ने कहा, “पिछले सप्ताह इस घटना के बारे में सुनते ही वन अधिकारियों की एक टीम तुरंत वहां भेजी गई। उन्होंने तेंदुए की जान बचाने के लिए त्वरित कार्रवाई की और प्रारंभिक मेडिकल परिक्षण और उपचार के लिए आई.वी.आर.आई में स्थानांतरित कर दिया। हमने तेंदुए की हालत में धीरे-धीरे सुधार देखा है और हमें उम्मीद है कि वह जल्द ही ठीक हो जाएगा। ”

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