जिले के सहजादपुर गांव है जहां ग्रामीण दिन में भी पहरा लगा रहे हैं। और दहशत में जीने को मजबूर हैं। वन विभाग तेंदुए को पकड़ने की कोशिश भी करने को तैयार नही हैं। काफी समय पहले तेंदुए के दो शावक भी इसी गांव से वन विभाग की टीम ने पकड़े थे। ग्रामीण खेत मे काम करते वक़्त आये दिन तेंदुए से रु ब रु होते ही रहते हैं। प्रशासनिक अफसरों से लेकर राजनीति के गलियारों तक तेंदुए के ख़ौफ़ की धमक पहुंची नही है।
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वहीँ डीएफओ सैयद बाकर रजा के मुताबिक वन विभाग तेंद्ये को पकड़ें के लिए प्रयास रत है। लेकिन अभी सफलता नहीं मिल रही। यहां बता दें कि इस इलाके में तेंद्ये और जंगली जानवरों की आवक भोजन और पानी की उपलब्धता के चलते बढ़ गयी है। फिर गंगा और रामगंगा नदी का जंगल और किनारा इन जंगली जानवरों के लिए काफी मुफीद रहता है। जिससे इन्हें शिकार भी आसानी से मिल जाता है।