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दिए ये निर्देश
बैठक में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारीयों को स्पष्ट निर्देश दिए कि रामगंगा में प्रवाहित पानी शुद्ध रहे इसके लिए सभी प्रयास किये जायें। रामगंगा किनारे जितनी भी फैक्ट्रियां और नाले हैं उनसे गंदगी नदी में बिलकुल न जाए। यहीं ऐसी सभी फैक्ट्रियां जो केमिकल बहातीं हैं उन्हें तत्काल बंद कराने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने नदी के तट को भी साफ़ सुथरा रखने के लिए नगर निगम प्रशासन को निर्देश दिए हैं।
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ऐसे बहती है नदी
यहां बता दें कि उत्तराखंड के कालागढ़ से रामगंगा नदी का उद्गम है और बिजनौर होते हुए ये मुरादाबाद बरेली और फिर फरुखाबाद में जाकर गंगा में मिल जाती है। सबसे ज्यादा इसमें गंदगी बिजनौर और मुरादाबाद की फैक्ट्रियों से निकलने वाला केमिकल से फैलती है। इसके अलावा महानगर के सभी बड़े नाले राम गंगा में बिना शोधन के नदी में डाले जा रहे हैं। जिससे इसका पानी इतना प्रदूषित हो चुका है कि एनजीटी भी चिंता जता चुकी है।
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इतनी गंदगी समाती है
बिजनौर और मुरादाबाद में तकरीबन छोटी बड़ी 500 ऐसी फैक्ट्रियां हैं जिनका पानी और गंदगी सीधे रामगंगा में प्रवाहित की जाती है। मुरादाबाद से पहले ही इसकी हालत इतनी खराब हो जाती है कि बरसात को छोड़कर पूरे साल सिर्फ एक छोटे नाले की तरह ही ये बहती है। दूसरा रामगंगा किनारे बड़ी मात्रा में ई कचरा भी जलता है। इससे भी नदी का पानी और जलीय जीव प्रभावित हो चुके हैं।
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बंद होंगी फैक्ट्रियां
फिलहाल एक सप्ताह में सभी फैक्ट्रियों से निकलने वाली गंदगी और केमिकल की रिपोर्ट मांगी गयी है। उसके आधार पर फैक्ट्रियों को बंद कराया जायेगा।