पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ना हिंदू थे और ना ही वह मुसलमान थे। वह एक ऐसे इंसान थे जो देश हित में सोचते थे। अगर उनके जैसा इंसान हो तो कोई मेरे सामने लाए, मैं उसी दिन से सियासत करना छोड़ दूंगा। क्योंकि उन्होंने अपने मंत्री पद पर रहते हुए कभी किसी के साथ नाजायज कलम नहीं चलाई।
इस दौरान सपा नेता आजम खान ने अपने पार्टी कार्यालय पर समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ 2 मिनट का मौन रख पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आत्मा के लिए दुआएं की। इस दौरान आजम खान ने अपने समाजवादी कार्यकर्ताओं को अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वह इतने नेक और अच्छे इंसान थे कि शायद उनके जैसा देश में कोई हो ही नहीं सकता। देश इनकी कमी कभी पूरा नहीं हो पाएगी।
वह ऐसे शख्स थे कि उनकी जैसी अगर कोई शख्सियत होती तो देश में जितने अब तक के बवाल हुए कभी शायद नहीं होते। रामपुर में तीन बड़ी-बड़ी जनसभाएं की और तीनों बड़ी जनसभाओं में हिंदू-मुस्लिम-सिख लोग पहुंचे और उन्हें सुनकर उनके भाषणों की तारीफ की। किसी ने उन के भाषणों को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जबकि अमूमन कोई राजनेता मन से कोई भाषण देता है तो भाषण खत्म होने तक लोग तरह तरह की प्रतिक्रिया देने लगते हैं।