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मुरादाबाद

मासूम संग लॉकडाउन में फंसी MP की महिला को प्रशासन से नहीं मिली मदद, स्थानीय लोगों ने की सराहनीय पहल, सभी जगह हो रही है तारीफ

कलियर शरीफ से लौटते वक्त धोखे से पहुंच गई मुरादाबाद

मुरादाबादMay 19, 2020 / 01:42 pm

Iftekhar

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मुरादाबाद. दो महीने से लॉकडाउन में फंसी मध्य प्रदेश की महिला परवीन बानो व दो साल की मासूम मरियम अपना घरबार होने के बावजूद लोगों की दया पर जीने को मजबूर हो गई है। महिला गाजियाबाद से गलत ट्रेन में चढऩे से मुरादाबाद पहुंच गई। तब से लाइनपार के चिडिय़ा टोला में खुले आसमान को छत व जमीन को बिछौना बनाकर लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रही है। दरअसल, परवीन बानो पत्नी मुहम्मद यामीन मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के जवारा तहसील के टेकरी गांव की रहने वाली है। पति और तीन और बच्चे घर पर ही हैं। वह यहां मन्नत मांगने कलियर शरीफ गई आई हुई थी।

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लॉकडाउन में फंस गई महिला
रास्ता भटकी महिला ट्रेन से 24 मार्च को मुरादाबाद उतरी थी लेकिन, 25 मार्च से लॉकडाउन लगने के कारण ट्रेनें बंद हो गईं। चिडिय़ा टोला के लोग इस मुस्लिम महिला का पूरा ख्याल रख रहे हैं। भोजन व दो साल की बेटी के लिए बिस्कुट व दूध का भी इंतजाम करते हैं। दो साल की मासूम को रात में मच्छर न काटें इसके लिए मच्छरदानी का इंतजाम भी किया है। धूप व बारिश से बचने के लिए ऊपर से पन्नी भी डाल दी है। महिला रो-रोकर मप्र अपने घर भिजवाने की गुहार लगा रही है।

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मन्नत मांगने कलियर शरीफ गई थी महिला
परवीन बानो ने बताया कि वह दो साल की बेटी मरियम को साथ लेकर मन्नत मांगने कलियर शरीफ गई थी। वापसी में वह गाजियाबाद तक तो पहुंच गई। लेकिन, वहां से मध्य प्रदेश के रतलाम जाने वाली ट्रेन की बजाय मुरादाबाद दिशा की ट्रेन में धोखे से चढ़ गई। इस बीच वह मुरादाबाद उतर गई। इसके बाद वह कई दिनों तक रेलवे स्टेशन के आसपास भटकती रहीं। इसके बाद वह नगर निगम के इंपीरियल तिराहा स्थित शेल्टर होम में चली गई। हालांकि, वहां पर कोई महिला न होने के कारण उसने शेल्टर होम छोड़ दिया और एक महीने से चिडिय़ा टोला में सड़क पर रहकर दूसरों के दिए निवाले से गुजर कर रही हैं।

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सरकार से नहीं मिल रही है मदद
परवीन को प्रवासियों के बनाए गए सेंटर या मध्य प्रदेश भिजवाने के लिए चिड़िया टोला के लोगों ने प्रयास किया। सार्वजनिक कंट्रोल रूम नंबर से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को फोन किया लेकिन, किसी ने भी उसकी सुध नहीं ली। पूर्णेंद्र पाठक ने बताया कि यूपी 112 से लेकर स्थानीय अधिकारी तक को फोन किया लेकिन, कोई भी मदद इस पीड़ित महिला की प्रशासन स्तर से नहीं हो रही है।

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