script15 AUGUST 2018: आजादी के इस नायक ने अंग्रेजों को शहर से खदेड़ा था,लेकिन गद्दारों की थी फिर ये हरकत | 15 august 2018 nabab majju khan story for freedom | Patrika News
मुरादाबाद

15 AUGUST 2018: आजादी के इस नायक ने अंग्रेजों को शहर से खदेड़ा था,लेकिन गद्दारों की थी फिर ये हरकत

नवाब मज्जू खां जो बहादुरशाह जफर के सूबेदार थे। और जून 1857 में अंग्रेजों को नैनीताल भागने पर मजबूर कर दिया था।

मुरादाबादAug 12, 2018 / 05:30 pm

jai prakash

moradabad

15 AUGUST 2018: आजादी के इस नायक ने अंग्रेजों को शहर से खदेड़ा था,लेकिन गद्दारों की थी फिर ये हरकत

मुरादाबाद: जश्न-ए-आजादी के 70 साल से ज्यादा हो चुके है। और अब से महज 72 घण्टो बाद फिर से तिरंगा फहराकर आज़ादी के जश्न में डूब जाएंगे। लेकिन जिस आज़ाद मुल्क में हम सांस ले रहे हैं। उसके लिए हमारे पूर्वजों ने कितनी ही कुर्बानियां दी। कुछ हमें याद है कुछ नहीं। पत्रिका टीम ने आज मुरादाबाद में ऐसी ही कहानी ढूंढी, जिसे बड़ी कुर्बानी की कहानियों में जगह दी नहीं। जी हां, जंगे आजादी में मुरादाबाद की सरजमीं से भी। बगावत का झंडा बुलंद हुआ, लेकिन देश के ही कुछ गद्दारों ने उस झंडे के साथ उन्हें उठाने वाले हाथों को ही कटवा दिया। उन्ही हाथों में से एक हाथ था नवाब मज्जू खां का है। जो बहादुरशाह जफर के सूबेदार थे। और जून 1857 में अंग्रेजों को नैनीताल भागने पर मजबूर कर दिया था। लेकिन उसके बाद रामपुर के नवाब की फौज की मदद से अंग्रेजों ने उन्हें बंदी बनाकर मौत के घाट उतार दिया था। जिसकी कहानी आज भी गलशहीद में उनकी मजार पर मौजूद है।

अस्पताल में कर्मचारियों ने cms को मारे लात—घूंसे तो मिला ऐसा जवाब कि बुलानी पड़ी PAC और RAF


अंग्रेजों को छक्के छुड़ा दिए थे
शहर के इतिहासकार जावेद रशीदी बताते हैं कि 1857 के गदर में नवाब मज्जू खान ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे और यहां बहादुरशाह जफर का झंडा लहरा दिया था। लेकिन बाद में अंग्रेजों ने उन्हें बंदी बनाकर गोलियों से भूना और यही नहीं उनका शव चूने की भट्टी में झोंक दिया था। जब इससे भी दिल नहीं भरा तो उन्हें हाथी से पांव में बांधकर गलशहीद तक लाया गया। और यहां बने इमली के पेड़ में उनका सिर लटका दिया था। यही नहीं जितने लोगों ने अंग्रेजों की खिलाफत की थी। उन सभी को मारकर गलशहीद के इमली के पेड़ में टांग दी गयी थी। और इसी कारण आज इलाके को गलशहीद कहते है।

मेरठ में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की हुर्इ बैठक, देखें तस्वीरें

मज्जू खां के लिए अब भी लड़ाई जारी

इतिहासकार जावेद रशीदी कहते हैं कि मौजूदा राजनीतिक व्वयस्था ने मज्जू खां जैसे क्रांतिकारी का आज कहीं कोई स्थान नहीं मिला। लेकिन अब इस ऐतिहासिक विरासत और इस इतिहास को संजोने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। बहरहाल जश्न ए आज़ादी में ऐसे शहीदों को नमन करना भी हमारा फर्ज है।

Hindi News / Moradabad / 15 AUGUST 2018: आजादी के इस नायक ने अंग्रेजों को शहर से खदेड़ा था,लेकिन गद्दारों की थी फिर ये हरकत

ट्रेंडिंग वीडियो