एप्पल कंपनी के स्मार्टफोन iPhone अपनी कीमतों ( apple iphone price ) के लिए मशहूर हैं।
कंपनी इनकी लागत के दोगुने से ज्यादा कीमत ( expensive mobile ) पर करती हैं इनकी बिक्री।
महंगे एप्पल आईफोन, क्लास और ब्रांड के रूप में हैं ज्यादा मशहूर।
Why iPhones are sold expensive? Here’s the 7 reason behind Apple Inc
नई दिल्ली। स्मार्टफोन की दुनिया बेहद तरक्की पर है और तकनीकी व एडवांस्ड फीचर्स के चलते कुछ ही महीनों बाद आपको अपना स्मार्टफोन पुराना नजर आने लगता है। यों तो दुनिया में एंड्रॉयड फोन का कब्जा है, लेकिन आईफोन की दीवानगी को भी नकारा नहीं जा सकता। हालांकि, यहां एक बड़ा सवाल उठना लाजमी है कि आखिर क्या वजह है जो एप्पल के आईफोन इतने महंगे ( expensive mobile ) होते हैं?
iPhone 12 के साथ चार्जर ना देने पर कपंनी का उड़ा है मजाक, Xiaomi ने कही ये बात अगर बात करें वर्ष 2016 की तब iPhone 7 की शुरुआत 649 अमरीकी डॉलर ( apple iphone price ) से हुई थी। इसके महज तीन साल बाद Apple के लेटेस्ट फ्लैगशिप iPhone की कीमत उससे 54 फीसदी ज्यादा है और यह मैक मिनी से भी ज्यादा है। जब भी Apple अपना नया मॉडल जारी करता है, तो कीमत में 60 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी जाती है। ये कीमतें Apple के लिए भारी मुनाफा लेकर आती हैं। अमरीका की पहली ट्रिलियन-डॉलर कंपनी के रूप में एप्पल का मार्केट कैप स्विट्जरलैंड की जीडीपी से भी अधिक है। चलिए जानते हैं वो सात बड़े कारण जिसके चलते अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में iPhone कीमत बहुत ज्यादा होती है।
1. ब्रांड के प्रति वफादारी अगर बात करें इंडस्ट्री के विशेषज्ञों की तो एप्पल ने वर्षों से गुणवत्ता और अपने उत्पादों के इंडस्ट्रियल डिजाइन के लिए एक अलग प्रतिष्ठा स्थापित की है। इस प्रतिष्ठा के चलते कंपनी ने लाखों वफादार ग्राहक बनाए हैं। और जब ब्रांड लॉयलिटी यानी एप्पल के प्रति वफादारी में बदल जाए, तब यह एक प्रीमियम के रूप में सामने आती है जिसे वे उन ग्राहकों से वसूलने में आसानी में सक्षम हो जाते हैं जो Apple को छोड़कर अन्य कंपनियों को चुनने के लिए तैयार नहीं होते।
2. वफादारी का एप्पल टैक्स इस प्रीमियम को Apple टैक्स के रूप में भी जाना जा सकता है। यानी आईफोन के लिए ज्यादा रकम खर्च की जाती है क्योंकि यह एक Apple प्रोडक्ट है। इसका एक उदाहरण ले लेते हैं। जैसे 256 जीबी मैकबुक एयर की कीमत 1,299 अमरीकी डॉलर है, लेकिन आप 100 डॉलर से कम कीमत में ज्यादा पावरफुल विंडोज लैपटॉप खरीद सकते हैं। जून 2019 में कंपनी ने मैक प्रो की घोषणा की और 5,000 डॉलर के मैक प्रो डिस्प्ले के लिए अतिरिक्त (ऐड-ऑन) के रूप में 1,000 डॉलर का मॉनिटर स्टैंड अलग से पेश किया।
iPhone 11 price in India : एप्पल इंडिया वेबसाइट से हटने के बावजूद iPhone 11 हुआ कितना3. मेमोरी की लिमिटेशन Apple और कुछ भी करता है जो अलग है। यानी जब आप iPhone खरीदते हैं तो आप इसमें अलग से मेमोरी कैपेसिटी नहीं बढ़ा सकते। मतलब अगर आप चाहतें हैं कि इसमें मेमोरी कार्ड लगाकर इसका इंटर्नल स्टोरेज बढ़ा लें, तो यह संभव नहीं। ऐसे में अगर आपको ज्यादा स्टोरेज की जरूरत है तो आपको एप्पल टैक्स ज्यादा देना होगा, यानी ज्यादा कीमत अदा करनी होगी।
4. फीचर्स भी होते हैं दमदार इसके साथ ही iPhones में कई शानदार फीचर्स भी जोड़े गए हैं, जिनमें OLED डिस्प्ले, तेज प्रोसेसर और पतले बेज़ेल्स शामिल है, लेकिन बाजार में उपलब्ध इसके प्रतिस्पर्धी स्मार्टफोनों में भी ऐसे कई फीचर्स हैं।
5. लागत से दोगुने से ऊंची कीमत विशेषज्ञों की मानें तो एक आईफोन के निर्माण में लगने वाली सामग्री की कीमत तकरीबन 490 डॉलर है, जबकि इस फोन की कीमत 1,099 डॉलर रखी गई है। अगर इसकी तुलना सैमसंग के गैलेक्सी S10 Plus से करें तो इसकी कीमत 999 डॉलर है, जबकि इसकी निर्माण लागत 420 डॉलर से कम आती है।
Diwali Bumper Offer:Apple की तरफ से iPhone 11 खरीदने पर AirPods…6. ब्रांड के दाम तो देने पड़ेंगे जब Apple ने iPhone 10 लॉन्च किया तो काफी कुछ बदल गया। न केवल यह ज्यादा महंगा था, बल्कि इसकी लागत और रिटेल कीमत के बीच का अंतर बहुत ज्यादा था। जाहिर है Apple लाभ कमाना चाहता है, इसलिए इसकी लागत, कीमत से काफी कम होनी चाहिए। जो चीज Apple को खास बनाती है, वह है अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में बड़ा मुनाफा खींचने की क्षमता। जब बात एप्पल की आती है तो इसे एक टेक्नोलॉजी कंपनी के बजाय एक लक्जरी ब्रांड के रूप देखना चाहिए।
7. महंगे होने की वजह इसकी डिजाइन बेहद शानदार होती है, हार्डवेयर फास्ट और लेटेस्ट होता है, ऑपरेट करने में बेहद आसान और काम में बेहद तेज होता है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कंपनी प्रीमियम हार्डवेयर बनाती हैं और लोग सरल, सहज अनुभव के लिए ज्यादा कीमत चुकाने को तैयार रहते हैं।