मोबाइल उद्योग के संगठन इंडिया सेल्युलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स ऐसोसिएशन (ICEA) की रिपोर्ट में दावा किया है कि मोबाइल फोन के मरम्मत के सामान (Mobile Phone Reparing) और सर्विस सेंटर पूरी तरह से बंद होने के कारण करीब 2.5 करोड़ से अधिक मोबाइल हैंडसेट बेकार पड़े हुए हैं।
आईसीईए के चेयरमैन पंकज महिंद्रू ने कहा कि केंद्र सरकार से संपर्क करके मोबाइल फोन को अनिवार्य वस्तु और सेवा के दायरे में लाने को कहा गया है, क्योंकि अगर ऐसे ही लॉकडाउन जारी रहा तो मई के अंत तक ये संख्या बढ़कर चार करोड़ हो जाएगी। साथ ही उन्होने मोबाइल की ऑनलाइन सेल चालू करने की बात कही।
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रिपोर्ट ने कहा कि हर महीने करीब 2.5 करोड़ नए मोबाइल फोन की बिक्री होती है। भारत में अभी करीब 85 करोड़ लोगों के पास मोबाइल फोन है, जिसमें से करीब 0.25 प्रतिशत मोबाइल फोन हर महीने टूट जाते हैं। ऐसे में 85 करोड़ मोबाइल फोन रखने वाले यूजर्स के आधार पर ये अनुमान लगाया गया है कि वर्तमान में करीब 2.5 करोड़ लोगों के पास मोबाइल फोन नहीं है और मई आखिरी तक अगर लॉकडाउन जारी रहा तो ये संख्या दो गुनी यानी 4 करोड़ के ज्यादा हो सकती है। बता दें कि कोरोनावायरस के चलते देशभर में 25 मार्च से 3 मई तक के लिए लॉकडाउन का ऐलान किया गया है।