एक औसत यूजर ऑनलाइन गेमिंग पर प्रति माह 100 रुपए से कम और प्रतिदिन एक घंटे से भी कम खर्च करता है। ओटीटी पर वह 200-400 रुपए खर्च करता है। दो हजार प्रतिभागियों के बीच कराए गए सर्वेक्षण और 143 मोबाइल एप्लिकेशन के 20.6 लाख से अधिक यूजरों के इन-ऐप डेटा के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है।
एस्या सेंटर के निदेशक अमजद अली खान ने कहा, हमारा मानना है कि रिपोर्ट के निष्कर्ष बहुत प्रासंगिक हैं, खासकर ऐसे समय में जब सरकार डिजिटल उद्योगों के लिए यूजर-केंद्रित नीतियां बनाने की प्रक्रिया में है। इसके अलावा, यूजर्स ने कहा कि ऑनलाइन गेम (Online Gaming) के लिए भागीदारी शुल्क में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी से जुड़ाव में 71 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है, जो उच्च मूल्य संवेदनशीलता का संकेत देता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ओटीटी के लिए यह संख्या केवल 17 प्रतिशत होगी। जहां ओटीटी को एक महत्वपूर्ण तनाव निवारक माना जाता है, वहीं 28 प्रतिशत डिजिटल नागरिक ऑनलाइन गेमिंग को अपने रोजगार की संभावनाओं के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं। भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद के एसोसिएट प्रोफेसर रजत शर्मा ने कहा, हालांकि प्रौद्योगिकी गतिशील है, उपभोग पैटर्न अधिक पूर्वानुमानित हैं।
इसलिए, डिजिटल नागरिक की प्रोफाइल और उनके उपभोग पैटर्न का निर्माण तीन क्षेत्रों के लिए एक चुस्त नीति पारिस्थितिकी तंत्र का आधार बन सकता है। हमारी रिपोर्ट का उद्देश्य एक प्रयास करना है।ज्ज् रिपोर्ट के अनुसार, जहां सभी यूजर्स महीने में एक बार सोशल मीडिया पर सक्रिय होते हैं, वहीं ओटीटी और ऑनलाइन गेमिंग के लिए यह संख्या क्रमश: 60 प्रतिशत और 40 प्रतिशत है। लगभग 89 प्रतिशत उपयोगकर्ता हर दिन सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं, जबकि केवल 22 प्रतिशत और 12 प्रतिशत क्रमश: ओटीटी और ऑनलाइन गेमिंग पर रोजाना सक्रिय हैं।
-आईएएनएस