दरअसल, चीन में उइगुर मुस्लिमों ( Uighur muslim in China ) पर हो रहे अत्याचार को लेकर अमरीका ने कड़ा रुख अपनाते हुए शीर्ष चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया। अमरीका ने यह कदम उइगुर मुस्लिम अल्पसंख्यक के खिलाफ कथित मानवाधिकार हनन ( Human rights violation ) को लेकर उठाया है।
China के विरुद्ध America के तेवर सख्त, Bijing के खिलाफ कड़ा कदम उठाने की तैयारी में White House
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले पर चीन विफर गया है और पलटवार करते हुए अमरीका के इस नए प्रतिबंधों को आपसी संबंध ( America China relation ) के लिए हानिकारक करार दिया है। चीन ने साफ-साफ कहा कि अमरीका के खिलाफ बहुत जल्द ही वह ‘पारस्परिक उपाय’ करेगा।
तीन चीनी अधिकारियों पर अमरीकी प्रतिबंध
बता दें कि अमरीका ने चीन के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए उइगुर मुस्लिमों के मानवाधिकार उल्लंघन ( Human rights violations of Uygur Muslims ) को लेकर जिन तीन अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया है उनमें शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र ( XUAR ) के चीनी कम्युनिस्ट पार्टी सचिव चेन क्वांगो, शिनजियांग पोलिटिकल और लीगल कमेटी के सचिव झू हैलून और शिनजियांग पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो के वर्तमान पार्टी सचिव वैंग मिंगशान शामिल हैं। इनके अलावा अब इनके परिवार के सदस्य भी अमरीका में प्रवेश के लिए अयोग्य हो गए हैं।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस ( Coronavirus ) और ट्रेड वॉर ( Trade War ) को लेकर पहले से ही दोनों देशों के बीच चल रहे तनातनी के बीच ये कयास लगाए जा रहे थे कि अमरीका चीन पर सख्त एक्शन ले सकता है। इसको लेकर अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( US President Donald Trump ) और ट्रंप प्रशासन के कई अधिकारी व मंत्री पहले ही कई बार संकेत दे चुके हैं।
अमरीका ने चीन को घेरने के लिए हांगकांग ( Hong Kong ) और चीन में उइगुर मुस्लमानों का मुद्दा उठाया। इसके बाद कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी। बकायदा अमरीकी सीनेट ( US Senate ) में बिल भी पास किया गया। अब चीन पर अमरीका के प्रतिबंधों से दोनों देशों में हालात और भी ज्यादा तनावपूर्ण होने की आशंका है।
साउथ चाइना सी में तकरार
चीन के साथ बढ़ते टकराव के बीच अमरीका ने दक्षिण चीन सागर ( South China Sea ) में अपने दो युद्धपोत तैनात कर दिए, जिसको लेकर चीन पहले भी भड़का हुआ है। चीन दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है। इसको लेकर तमाम पड़ोसी देशों के साथ चीन का विवाद है।
अमरीकी युद्धपोतों ( American warships ) के युद्धाभ्यास को लेकर चीन ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि चीनी सेना के मेहरबानी के कारण साउथ चाइना सी में अमरीकी युद्धपोत अभ्यास कर पा रहे हैं। इससे पहले चीनी विदेश मंत्रालय ( Chinese Foreign Ministry ) ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि एक गैर क्षेत्रीय देश, जो हजारों मील दूर स्थित है वह साउथ चाइना सी में अपनी ताकत दिखा रहा है। यदि चीन के खिलाफ किसी भी तरह से कोई हरकत की गई तो हमारे पास भी खतरनाक हथियार हैं।