मंगलवार को जारी एक असाधारण बयान में ट्रंप ने अपने पुराने स्टैंड के विपरीत एक जबरदस्त यू टर्न लिया है। बता दें कि ये वही ट्रंप हैं जिन्होंने जमाल खशोगी की हत्या के लिए कुछ दिन पहले ही सऊदी अरब को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दे दी थी। मंगलवार को जारी बयान की शुरुवात में ट्रंप ने कहा, “दुनिया एक बहुत ही खतरनाक जगह है। सऊदी अधिकारियों की मुताबिक खशोगी “राज्य के दुश्मन” थे और राज्य की विरोध में कई काम करते थे। ऐसा कोई पुख्ता सबूत नहीं है जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि सऊदी क्राउन प्रिंस ने ही ये हत्या करवाई है। 649 शब्दों का बयान सीआईए के उस निष्कर्ष की खिलाफ माना जा रहा है जिसमें सीआईए ने कथित तौर पर निष्कर्ष निकाला है कि सऊदी राजकुमार ने हत्या का आदेश दिया था। राष्ट्रपति ने संवाददाताओं से कहा कि सीआईए ने हत्या की तरीके पर पर “दृढ़ संकल्प नहीं किया” और उसका दावा कई रिपोर्टों से गलत साबित होता है। ट्रंप ने आगे कहा, “हमारी खुफिया एजेंसियां सभी सूचनाओं का आकलन करती हैं, लेकिन इस मामले में वह थोड़ी जल्दबाजी कर बैठी।” उन्होंने कहा, “सुल्तान सलमान और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान खशोगी की हत्या की योजना या निष्पादन के बारे में किसी भी जानकारी से इनकार करते हैं।”
राष्ट्रपति के बयान के बाद अमरीका की अंदरूनी राजनीति में तूफान खड़ा हो गया है। बता दें कि अमरीकी कांग्रेस एक ऐसे विधेयक पर विचार करने वाली है जिसके पारित होने के बाद सऊदी अरब के साथ अमरीकी रक्षा सहयोग खत्म हो जाएगा और सऊदी अरब को अमरीका से हथियार और अन्य उपकरण नहीं मिलेंगे। वाशिंगटन पोस्ट के सीईओ फ्रेड रयान ने कहा, “सीआईए ने इस निर्दोष पत्रकार की हत्या की पूरी तरह से जांच की है और उच्च विश्वास के साथ निष्कर्ष निकाला है कि इसे राजकुमार द्वारा निर्देशित किया गया था। यदि सीआईए के निष्कर्षों पर संदेह करने का कोई कारण है, तो राष्ट्रपति ट्रंप को तुरंत उस सबूत को सार्वजनिक करना चाहिए।”