भारत ने कहा, अफगानिस्तान में सैन्य शक्ति के बल पर बनी सरकार को मान्यता नहीं देंगे
तालिबान ने आज सुबह कुछ तस्वीरें ऑनलाइन जारी करते हुए कहा है कि उसके लड़ाकों ने जलालाबाद पर कब्जा कर लिया है तथा काबुल का देश के पूर्वी हिस्से से संपर्क टूट चुका है। इस समय काबुल को छोड़कर अफगानिस्तान के लगभग सभी बड़े शहरों पर तालिबान का कब्जा हो चुका है। देश के केवल पूर्वी और मध्य हिस्से ही सरकार के नियंत्रण में रह गए हैं। अमरीका द्वारा अफगानिस्तान से निकलने की घोषणा के बाद से तालिबान का देश में प्रभाव बढ़ता ही जा रहा है। देश के 34 प्रांतों में से 24 पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है। तालिबान लड़ाकों ने उत्तर, पश्चिम और दक्षिण अफगानिस्तान के अधिकतर हिस्सों पर अपना अधिकार जमा लिया है। इनमें से कई प्रांतों में बिना लड़े ही राष्ट्रीय सेना ने हार मान ली है।Coronavirus से जंग के बीच नया खतरा, अफ्रीकी देश में मिला ‘मारबर्ग वायरस’ का पहला मामला, जानिए कैसे फैलता है
बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय सेना की कोर द्वारा आत्मसमर्पण किए जाने के बाद सरकार समर्थक मिलिशिया व अन्य सुरक्षा बलों का मनोबल टूट चुका है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि या तो देश में जल्दी ही गृहयुद्ध छि़ड़ सकता है अथवा तालिबान पूरी तरह से अफगानिस्तान पर अपना अधिकार कर लेगा। अफगानिस्तान के लोगार से सांसद होमा अहमदी ने बताया कि तालिबान काबुल के दक्षिण में मात्र 11 किलोमीटर की दूरी पर है और उसने वहां पर प्रांतीय अधिकारियों को हिरासत में ले लिया है।पाकिस्तान : 8 साल के हिंदू बच्चे पर ईशनिंदा का केस, मिल सकती है मौत की सजा
अमरीका भेजेगा अपने सैनिकअफगानिस्तान में अमरीकी दूतावास को खाली करने में मदद करने के लिए अमरीका की मेरिन बटालियन के 3000 सैनिकों का दस्ता भी अफगानिस्तान में पहुंच चुका है। एक हजार अमरीकी जवान पहले से देश में हैं तथा राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शनिवार को एक हजार और जवानों की तैनाती का भी निर्देश दिया है। इस तरह अफगानिस्तान में अमरीकी बलों की कुल संख्या 5000 हो गई है।
कनाडा सरकार ने घोषणा की है कि अफगानिस्तान में मौजूदा हालातों के बीच देश से पलायन कर रहे सिखों और हिंदुओं सहित 20,000 संवेदनशील अफगानों को स्थाई रूप से शरण देगी।