पुतिन ने कहा रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी की निर्माण तकनीक भारत को दी जाएगी। साथ ही, रूस इस वैक्सीन का उत्पादन भी बढ़ाएगा, जिससे भारत में वैक्सीन की कमी को पूरा किया जा सके। पुतिन ने कहा कि रूस दुनिया का अकेला ऐसा देश है, जो टीका प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और विदेश में उत्पादन को बढ़ाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी का टीका 66 देशों में बेचा जा रहा है। निश्चित शर्तों के साथ इस वैक्सीन को भारत के ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया यानी डीजीसीआई की तरफ से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को भारत में निश्चित शर्तों के साथ अध्ययन, परीक्षण और विश्लेषण के लिए उत्पादन की मंजूरी दे दी है।
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स्पूतनिक-वी वैक्सीन की प्रभावी क्षमता को लेकर चल रहे आरोपों पर पुतिन ने कहा कि यूरोप में टीके के पंजीकरण में देरी वहां कंपटीशन और कॉरपोरेट सेक्टर से जुड़े हितों की वजह से हुई। कोरोना महामारी के लिए अमरीका समेत कुछ अन्य देशों की ओर से चीन को दोषी ठहराए जाने पर पुतिन ने कहा कि इस पर बहुत कुछ पहले ही कहा गया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि संकट की स्थिति का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, हम 66 देशों में स्पूतनिक-वी टीका बेच रहे हैं। यह हमारे लिए एक बड़ा बाजार है। मुझे भरोसा है कि यह आरोप व्यावसायिक वजहों से है, मगर हम सभी मानवीय पहलुओं को पूरा करने में जुटे हैं। उन्होंने वैक्सीन के प्रभाव पर कहा कि यह टीका प्रभावी है। इसकी प्रभाव क्षमता 97.6 प्रतिशत तक है। उन्होंने कहा कि रूस पूरी दुनिया में अकेला ऐसा देश है, जो तकनीक के हस्तांतरण के लिए तैयार है।