जिसके चले अब वह हवा में तैरते हुए लोगों को संक्रमित कर रहा है। मेडिकल भाषा में इसको एयरोसोल ट्रांसमिशन कहा जाता है।
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शंघाई सिविल अफेयर्स ब्यूरो के डेप्युटी हेड के अनुसार एयरोसोल ट्रांसमिशन से आशय एक ऐसी प्रक्रिया से है जो वायरस हवा में मौजूद सूक्ष्म बूंदों से मिलकर एयरोसोल बना हो।
वहीं, चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो ऐसी हवा में सांस लेने की वजह से लोगों को संक्रमण हो रहा है। विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वो संक्रमित होने से बचने को लेकर अवेयर रहें।
विशेषज्ञों का तो यहां तक मानना है कि डायरेक्ट ट्रांसमिशन के चलते संक्रमित व्यक्ति की छींक व खांसने से पास के व्यक्ति में सांस लेते ही वायरस असर दिखाना शुरू कर देगा।
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इसके साथ ही कोरोना से जूझ रही चीनी सरकार ने लोगों से एक जगह इकट्ठा होने से बचें और अपने आसपास साफ सफाई का ध्यान रखें।
आपको बता दें कि चीन के वुहान में करॉना वायरस अब तक 811 लोगों की जिंदगी लील चुका है ।