गिलियड ने जारी किया डेटा गिलियड के शोधकर्ताओं के अनुसार उन्होंने 312 मरीजों के डेटा का विश्लेषण किया, जिन्हें संक्रमित होने के बाद अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया। जबकि, उसी तरह की विशेषताओं और रोग की गंभीरता के साथ 818 मरीजों की अलग तरह से परीक्षण किया गया।
14 दिनों में ठीक हुए 74 फीसदी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि रेमडेसिवीर का डोज लेने वाले 74.4 फीसदी मरीज 14 दिनों में ठीक हो गए। इस दवा के बिना इलाज करा रहे मरीजों में ठीक होने का आंकड़ा 59.0 फीसदी रहा है। रेमडेसिवीर लेने वाले मरीजों की मृत्युदर भी 14 दिन में 7.6 फीसदी तक पहुंच चुकी है। इलाज करा रहे मरीजों की मृत्युदर 12.5 फीसदी थी।
कंपनी ने बताया क्यों जारी किया डेटा कंपनी के वैज्ञानिकों का मानना है कि मृत्यु दर में कमी की पुष्टि करने के लिए अधिक अध्ययन की आवश्यकता है। गिलियड साइंसेज के मुख्य चिकित्सा अधिकारी मरदाद पर्सी के अनुसार कोरोना वायरस महामारी को समझने के लिए, हम अपने रिसर्च डेटा को साझा कर रहे हैं, ताकि रेमडेसिवीर के प्रभाव के बारे में जानकारी दी जा सके।
अमरीका और भारत में रेमडेसिवीर अमरीका में रेमडेसिवीर को अभी तक खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) से मान्यता नहीं मिली है। मगर एजेंसी ने 1 मई को इसके लिए एक आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (ईयूए) जारी किया। इस तरह से अब डॉक्टरों को गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए दवा का इस्तेमाल करने की अनुमति मिल चुकी है। भारत में भी इस दवा के इस्तेमाल की अनुमति दी गई है।