द्विपक्षीय सहयोग पर जोर राजनाथ सिंह ने मुलाकात के बाद ट्वीट कर बताया कि ईरान के रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल आमिर हतामी से बेहतर माहौल में बातचीत हुई। यह मुलाकात सार्थक रही। मुलाकात के दौरान अफगानिस्तान सहित दक्षिण एशियाई व क्षेत्रीय मुद्दों से जुड़े सुरक्षा और द्विपक्षीय सहयोग को जारी रखने पर सहमति बनी।
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच यह बैठक ईरान के रक्षा मंत्री के रिक्वेस्ट पर हुई। मुलाकात के दौरान अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता सहित क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर अपने-अपने विचारों को साझा किया।
सुशांत की मौत को लेकर AIIMS की टीम को है इस बात पर शक, डॉक्टरों से पूछे जा रहे हैं ये सवाल दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच यह बैठक गर्मजोशी से भरे माहौल में हुई। नेताओं ने भारत और ईरान के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक, भाषायी और सभ्यतागत संबंधों पर जोर दिया।
मतभेदों को बातचीत के जरिए करें दूर बता दें कि भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का ईरान दौरा भारत-चीन के बीच जारी तनाव के बीच हुआ है। इसलिए इस मुलाकात की अहमियत बहुत ज्यादा है। राजनाथ सिंह ने फारस की खाड़ी के हालात पर भारत की चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस क्षेत्र के सभी देशों से बातचीत के जरिए आपसी मतभेदों को दूर करना चाहिए।
दरअसल, फारस की खाड़ी में पिछले कुछ हफ्तों में ईरान, अमरीका और संयुक्त अरब अमीरात से संबंधित कई घटनाएं हुईं हैं। इन घटनाओं की वजह से इलाके में तनाव बढ़ा है। फारस की खाड़ी में जारी तनाव पर जताई चिंता
इससे एक दिन पहले मॉस्को में एससीओ की बैठक में राजनाथ सिंह ने कहा था कि हम फारस की खाड़ी में उत्पन्न हालात को लेकर बहुत चिंतित हैं। इस इलाके भारत के कई करीबी मित्र हैं। इसलिए हम संप्रभुता और एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने के सिद्धांत पर जोर देते हुए विवादों को सुलझाने की अपील करते हैं।