WHO प्रमुख ने पीएम मोदी के बयान को सराहा, कहा- संसाधनों के सहयोग से महामारी को हराना संभव गौरतलब है कि शुक्रवार को आरोपी ने दो लोगों को चाकू मारकर घायल कर दिया था। अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2015 में इसी जगह पर 12 लोग मारे गए थे। शार्ली एब्दो एक साप्ताहिक व्यंग्य पत्रिका है, जो नियमित रूप से धार्मिक और अन्य क्षेत्रों से जुड़े अहम और मशहूर लोगों का मजाक बनाती है। इसी माह उसने एक बार फिर पैगंबर मुहम्मद का एक कार्टून प्रकाशित किया। इसके कारण समाचारपत्र को मुसलमानों की नाराजगी का सामना करना पड़ा।
यह वही दफ्तर है जहां पर इस्लामी कट्टरपंथियों ने 2015 में हमला किया था।साप्ताहिक पत्रिका ने इसके बाद यहां से अपना कामकाज समेट लिया था। अली हसन की ओर से किए हमले में दो लोग घायल हुए जो कि टीवी प्रोडक्शन एजेंसी प्रीमियरस लिग्नेस से जुड़े हुए हैं। इनका ऑफिस भी उसी शहर के सेट्रल ब्लॉक में है। जो कि शार्ली हेब्दो के ऑफिस का इस्तेमाल करते थे। अली ने हमले से पहले दो मिनट का वीडियो भी बनाया था। इसमें उसने पत्रिका को निशाना बनाने की बात कही थी। अली हसन उर्फ जहीर हसन महमूद पर आरोप लगा है कि उसने पत्रिका के साथ काम करने वालों पर छूरे से हमला किया है।
Afghanistan से अंतरराष्ट्रीय सैनिकों की वापसी पर पाकिस्तान चिंतित, इमरान बोले गैरजिम्मेदाराना कदम वहीं पाकिस्तान में हमलावर के पिता ने इमरान खान सरकार और अन्य इस्लामी देशों से अपने बेटे की रिहाई के लिए गुहार लगाई है। उनसे मदद की अपील की है। पिता का कहना है कि वे अपने बेटे की घर वापसी की अपील करते हैं। उसने इस्लाम को लेकर ऐसा किया है। पिता का कहना है कि वह एक किसान है और उसका बेटा दो साल पहले ही फ्रांस गया था। उनके पांच बेटे हैं। तीन विदेश में हैं। दो फ्रांस आर एक इटली में है।