पोलैंड ने मामले पर पहली बार दी प्रतिक्रिया
पोलैंड ने इस संबंध में एक बयान जारी कर साफ कह दिया कि भारत-पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे का हल द्विपक्षीय स्तर पर ही ढूंढना होगा। सोमवार को पोलैंड ने इस मसले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी, जिसके बाद से पाकिस्तान के उम्मीदों पर पानी फिर गया। अब तक पाकिस्तान को उम्मीद थी कि वह unsc में कश्मीर मुद्दा उठा सकता है, जो इस बयान के बाद खत्म हो गई। बताते चलें कि सुरक्षा परिषद के सदस्य देश बारी-बारी से हर महीने अध्यक्षता करते हैं। इस क्रम में अगस्त महीने की अध्यक्षता पोलैंड करने वाला है।
रूस भी कर चुका है भारत का समर्थन
आपको बता दें कि भारत-पाकिस्तान के कूटनीतिक रिश्तों पर पोलैंड की प्रतिक्रिया से पहले शनिवार को UNSC के स्थाई देश रूस ने भारत के कदम को संविधान के दायरे में बताया है। अब पोलैंड के राजदूत बुराकोव्सकी ने कहा, हमारा मानना है कि कैसा भी विवाद हो उसका समाधान शांतिपूर्ण ढंग से किया जा सकता है। यूरोपीय यूनियन की तरह हम भी भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत से समाधान निकालने के पक्षधर हैं।
भारत का पक्ष हुआ मजबूत
पोलैंड का यह बयान भारत के पक्ष को और मजबूत करता है। भारत ने हमेशा यही कहा है कि कश्मीर मुद्दे को भारत-पाकिस्तान के बीच ‘शिमला समझौते, 1972’ और ‘लाहौर घोषणा पत्र, 1999’ के तहत कश्मीर द्विपक्षीय तरीके से ही सुलझाया जाना चाहिए। जबकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र, UNSC में कश्मीर मुद्दे को उठाने की बात कही है।