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इस बीच अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शनिवार को अफगानिस्तान में एक हजार और सैनिक भेजने का निर्णय लिया है। कुछ दिनों में 5000 अमरीकी सैनिकों की वहां तैनाती होने वाली है। इस तैनाती से अमरीका अफगानिस्तान के ऐसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना चाहता है। जिसने पिछले 20 सालों में उनके सैनिकों की मदद की।
अफगानिस्तान में हजारों अमरीकी सैनिकों को दोबारा से भेजने की बड़ी वजह है कि वहां के हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। तालिबान ने कुछ दिनों में कई अफगान शहरों पर कब्जा करना शुरू कर दिया है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि बाइडेन क्या 31 अगस्त की समयसीमा तक सैन्य वापसी पूरी कर सकेंगे।
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अशरफ गनी ने राष्ट्र को संबोधित किया
इस बीच अफगानिस्तान केे राष्ट्रपति अशरफ गनी का कहना है कि वह 20 वर्षों की ‘उपलब्धियों’ को बेकार में नहीं जाने देंगे। उन्होंने कहा कि तालिबान के हमले के बीच ‘विचार-विमर्श’ लगातार जारी है। उन्होंने शनिवार को टेलीविजन के जरिए राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। हाल के दिनों में तालिबान द्वारा प्रमुख क्षेत्रों पर कब्जा जमाने के बाद के यह उनकी पहली खुली टिप्पणी है। अमरीका ने इस हफ्ते कतर में सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता को जारी रखा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चेताया है कि बलपूर्वक स्थापित तालिबान सरकार को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।