सोशल मीडिया पर जो वीडियो अभी वायरल हो रहे हैं, वो लगभग एक महीने पुराने हैं और उनमें बाइडन कह रहे हैं कि अफगानिस्तान की सेना के 3 लाख सैनिक दुनिया की किसी भी दूसरी सेना की तरह सुसज्जित तथा अच्छी तरह से ट्रेंड हैं, वे तालिबान को संभाल सकते हैं इसलिए हमें तालिबान से डरने की जरूरत नहीं है। हकीकत में एक महीने से भी कम समय में उनके इस दावे की कलई खुल गई है और तथाकथित रूप से मजबूत अफगान सेना को हराते हुए तालिबान ने देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया है।
ट्वीटर यूजर्स इन वीडियोज को ट्वीट और रिट्वीट करते हुए लिख रहे हैं कि बाइडन ने कहा था कि अमरीका की अफगानिस्तान में साइगॉन जैसी स्थिति नहीं होगी परन्तु वास्तविकता में हालात उससे भी ज्यादा खराब हो चुके हैं।
एक यूजर ने भारत और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा है कि जिस संसद भवन का निर्माण भारत द्वारा किया गया और जिसका उद्घाटन पीएम मोदी ने खुद काबुल जाकर किया वहीं पर आज रात AK-47 लेकर तालिबान जीत का जश्म मनाएंगे।
ऐसी स्थिति में पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक भी जो बाइडन पर कमेंट कर रहे हैं। एक समर्थक ने लिखा है कि आज तालिबान को अमरीका से डर नहीं लगता यदि डोनाल्ड ट्रंप अमरीकी राष्ट्रपति होते तो हालात कुछ और होते।