इराक में निकाली गई कासिम सुलेमानी की शवयात्रा, हजारों की संख्या में जुटे लोग ऐसे में यह सवाल उठता है कि ट्रंप ने आखिरकार यह फैसला अचानक कैसे ले लिया कि सुलेमानी को खत्म कर दो? इस फैसले को सुनकर कुछ आश्चर्यचकित रह गए क्योंकि इससे अमरीका के पुराने दुश्मन माने जाने वाले ईरान के साथ युद्ध की शुरुआत हो सकती है।
सैकड़ों अमरीकी नहीं तो दर्जनों अमरीकियों की हत्या से जुड़ा था अमरीकी मीडिया के अनुसार, ट्रंप के साथ उच्चस्तरीय वार्ता में शामिल प्रशासन के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि यह काफी बोल्ड निर्णय था और हम सभी आश्चर्यचकित रह गए। अमरीकी विदेश विभाग ने मीडिया से कहा कि ईरान इस तरह की साजिश कर रहा था,जिससे सैकड़ों अमरीकियों को मौत के घाट उतारा जा सके। हालांकि उन्होंने इसका विवरण देने से इनकार कर दिया। विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने मीडिया से कहा कि सुलेमानी इस क्षेत्र में अमरीका के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमले की साजिश रच रहा था और अगर यह सैकड़ों अमरीकी नहीं तो दर्जनों अमरीकियों की हत्या से जुड़ा था। उन्होंने कहा कि हमें पता था कि यह अश्वयंभावी है।
सुलेमानी की मौत जरूरी नहीं थी ट्रंप के साथ मीटिंग में मौजूद लोगों ने हालांकि स्पेशिफिक टारगेट बता नहीं पाए लेकिन उन्होंने कहा कि यह होना ही है। कुछ विशेषज्ञ हालांकि सुलेमानी की हत्या पर संदेह जता रहे हैं लेकिन ईरान मामले के एक सीनियर इंटेलीजेंस विश्लेषक जॉन बैटमैन ने कहा कि सुलेमानी की मौत जरूरी नहीं थी। सुलेमान की साजिशों को कैसे विफल करना है, इस पर काम करना चाहिए था।
सीरिया की राजधानी दमिश्क का दौरा किया अमरीका के सुरक्षा सलाहकार राबर्ट सी.ओब्रायन ने कहा कि सुलेमानी पर हमला इस वजह से किया गया कि क्योंकि उसने हाल ही में सीरिया की राजधानी दमिश्क का दौरा किया और अमरीकी सैन्य और राजनयिक के खिलाफ हमले की साजिश रची। उन्होंने कहा कि यह हमला इसलिए किया गया कि सुलेमानी की योजना को ध्वस्त किया जा सके, जिसमें उसने अमरीका के खिलाफ हमलों की साजिश रची थी।