कंपनी के प्रवक्ता ने 29 जून को कहा,”हमारी कोल्ड स्टोरेज और अन्य लॉजिस्टिक व्यवस्थाएं बिना किसी समस्या के ट्रैक पर हैं। ये देरी ऐसे समय में हुई है जब भारत 2021 के अंत तक सभी लोगों को टीका लगाने के लिए वैक्सीन अभियान को तेजी से बढ़ा रहा है।”
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रूस निर्मित स्पुतनिक वैक्सीन वी, भारत में डॉ. रेड्डीज और कुछ अन्य भारतीय फार्मा फर्मों द्वारा निर्मित की जा रही है। ऐसी खबरें हैं कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय कोवैक्सिन की खुराक की आपूर्ति में देरी की जांच कर रहा है और निर्माता भारत बायोटेक के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की है। इसके साथ स्पुतनिक वी को लेकर बातचीत जारी है
21 दिनों के अंदर वैक्सीन की दोनों खुराकें
विशेषज्ञों का कहना है कि आपूर्तिकर्ताओं की ओर से देरी हो रही है। इसका कोई विशेष कारण नहीं है। इसका कारण टीके की दोनों खुराकों की एक साथ आपूर्ति करना हो सकता है। स्पुतनिक वी 21 दिन के अंतराल पर दी जाने वाली दोनों खुराक अलग-अलग हैं और इन्हें आपस में बदला नहीं जा सकता है।
वहीं फोर्टिस हेल्थकेयर का कहना है कि वह गुरुग्राम और मोहाली स्थित अपने अस्पतालों में स्पुतनिक वी उपलब्ध कराएगा, लेकिन उसने भी अब तक लोगों को रूसी टीका देना शुरू नहीं किया है।
स्पुतनिक की लगभग 30 लाख खुराक भारत में आ चुकी है और दूसरी खुराक की खेप जून के अंत तक आने की संभावना है। कंपनी के अनुसार वह नियमित आधार पर सरकारी अधिकारियों मीडिया और जनता के सदस्यों को अपडेट कर रही है।
250 मिलियन खुराक
डॉ रेड्डीज भारत में स्पुतनिक वी वैक्सीन का ब्रांड पार्टनर है और समझौते के अनुसार उसके पास भारत में वैक्सीन की पहली 250 मिलियन खुराक के लिए एकमात्र वितरण अधिकार हैं। स्पुतनिक वी की कीमत जीएसटी सहित 995 रुपये प्रति डोज है। भारतीय फार्मा कंपनियों द्वारा स्पुतनिक वी का उत्पादन शुरू करने से पहले तेजी से रोलआउट सुनिश्चित करने के लिए पहले 50 मिलियन जैब्स रूस से आयात किए जाएंगे।
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भारत में स्पुतनिक वी वैक्सीन का सीमित पायलट सॉफ्ट लॉन्च, जिसे 14 मई को हैदराबाद में डॉ रेड्डीज द्वारा शुरू किया गया था। इसको सफलतापूर्वक विजाग, बेंगलुरु, मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई, मिर्यालागुडा, विजयवाड़ा, बद्दी, कोल्हापुर तक बढ़ाया गया है।