नई दिल्ली। कोरोना संकट ( coronavirus In India ) के बीच देश भले ही दूसरी लहर से उबर रहा है, लेकिन अब खतरा बरकरार है। तीसरी लहर की आहट से पहले ही कई नए खतरे लगातार सामने आ रहे हैं। वैज्ञानिक अध्ययनों में चौंकाने वाले नतीजों ने हर किसी की चिंता बढ़ा दी है। कभी नया वेरिएंट तो कभी इन वेरिएंट की वजह से होने वाले साइड इफेक्ट्स।
ताजा शोध में ये बात सामने आई है कि कोरोना की वजह से ब्रेन फॉग खतरा बढ़ गया है। कोविड सीधे दिमाग को प्रभावित कर रहा है। इससे ब्रेन में हल्के दौरे पड़ने का खतरा भी बढ़ा है। दरअसल ये शोध प्रतिष्ठित मैगजीन नेचर में प्रकाशित हुआ है।
अध्ययन में पाया गया है कि कोरोना की वजह से ब्रेन फाग (स्मृति लोप से जुड़ी बीमारी) यानी बातें, चीजें भूलने की समस्या हो रही है। इसके साथ ही मस्तिष्क की कोशिशओं को रक्त संचार में बाधा हो रही, इससे ब्रेन में हल्के दौरे पड़ने का का खतरा हो सकता है।
80 फीसदी लोगों में दिखे ये लक्षण येल यूनिवर्सिटी के तंत्रिका विज्ञानी सेरिन स्पुडिच की इस रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के गंभीर संक्रमण से ठीक हुए 80 फीसदी लोगों में मस्तिष्क रोगों के लक्षण दिखे।
इनमें प्रमुख रूप से यादाश्त कम होना और हल्के दौरों के लक्षण पाए गए हैं। जबकि कई मामलों में यह देखा गया है कि संक्रमण से मस्तिष्क की कोशिकाओं को रक्त का संचार सही तरीके से नहीं हो रहा। कोशिकाओं में रक्त संचार में बाधा मौत या दौरे का कारण बन सकती है।
इस चीज की मिली कमी रिपोर्ट में ये बी बताया गया कि कोरोना के रोगियों के मस्तिष्क की जांच में सेरेब्रल कारटेक्स से एक ग्रे सामग्री में कमी पाई गई। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के अध्ययन के मुताबिक, कोरोना वायरस ब्रेन की एस्ट्रोसाइटस कोशिकाओं को भी क्षति पहुंचा रहा है।
दरअसल ये कोशिकाएं कई तरह के काम करती हैं, लेकिन सबसे ज्यादा इनकी जरूरत ब्रेन के कामकाज को सही तरीके से चलाने में मदद करना है। इस रिपोर्ट में ब्राजील के एक अध्ययन का जिक्र भी किया गया है। इसमें Covid से मरने वाले 26 लोगों के मस्तिष्क की जांच की गई। इनमें से 5 के ब्रेन में संक्रमण पाया गया। यह देखा गया है कि इन लोगों की 66 फीसदी एस्ट्रोसाइट्स कोशिकाएं संक्रमित हो चुकी थीं।
यह भी पढ़ेँः Video: कोरोना सकंट के बीच डरा देगा ये नजाराये होता है ब्रेन फॉग ब्रेन फॉग एक ऐसी स्थिति है, जिसमें याद करने की क्षमता घटती जाती है। कोरोना के मरीज में थकान के साथ-साथ मानसिक अवसाद के लक्षण भी हो सकते हैं।
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के शोधकर्ताओं का दावा है कि कोरोना वायरस की वजह ब्रेन कोशिकाओं को रक्त की आपूर्ति नहीं हो रही,जिससे पेरीसाइट्स कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो रही हैं। जो हल्के दौरों का कारण भी बन सकता है।
बता दें कि शुरुआती अध्ययनों में इस बात से इनकार कर दिया गया था कि कोरोना ब्रेन में प्रवेश करता है। लेकिन नए शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कोरोना रोगियों के दिमाग पर असर पड़ रहा है।