जानवरों के लिए चलाई अद्भुत मुहिम, लोगों को शाकाहारी बनाने के लिए 11 देशों की विजिट
मीट खपत के मामले में दूसरे स्थान पर है ऑस्ट्रेलिया
वर्ल्ड इकॉनोमिक फॉर्म के मुताबिक अमरीका के बाद ऑस्ट्रेलिया दूसरा ऐसा देश है जहां हर व्यक्ति मीट सबसे अधिक खाया जाता है। ऑस्ट्रेलिया में कृषि उत्पादकता का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा पशुधन उद्योग का है। लिहाजा प्रदर्शनकारी जानवरों के इलाज और मांस खाने की नैतिकता को प्रचारित करने के उद्देश्य से विक्टोरिया, न्यू साउथ वेल्स और क्वींसलैंड में विरोध-प्रदर्शन किया। एक प्रदर्शनकारी ने कहा ‘हम चाहते हैं कि लोग शाकाहारी बने, हम चाहते हैं कि लोग पशुओं के साथ शोषण करना बंद करें।’ उन्होंने कहा कि आज हमसे कहीं अधिक पशुओं के साथ शोषण हो रहा है जिसकी कल्पना हम नहीं कर सकते हैं। यह प्रदर्शन जानवरों की मुक्ति के लिए है।
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38 लोगों को किया गया गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि मेलबर्न में 38 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले 9 अन्य प्रदर्शनकारियों को गॉलबर्न जो कि सिडनी के दक्षिण में 168किमी दूर है, वहां से गिरफ्तार किया गया था। इधर ऑस्ट्रेलिया के मीट उद्योग काउंसिल ने कहा कि बूचड़खानों को बंद कराने को लेकर लगातार प्रदर्शनकारियों की ओर से हमले का डर बढ़ता जा रहा है। वे कहते हैं कि बंद करो और अभी करो। मीट उद्योग काउंसिल के मुख्य कार्यकारी पैट्रिक हचिंसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के 99 प्रतिशत लोग रेड मीट की मांग करते हैं और उसका उपभोग करते हैं। पिछले 50 वर्षों की बात करें तो लगातार रेड मीट की मांग बढ़ी है। 1960 के दशक से आज पांच गुना अधिक इसकी मांग बढ़ गई है। जहां उस दौर में रेड मीट की मांग 70 मिलियन टन था वहीं आज (2017) बढ़कर 330 मिलियन टन से अधिक हो गया है।
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