दरअसल, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से बनाए जा रहे कोरोना वायरस वैक्सीन की तकनीक को लेकर मुस्लमान समुदाय ( Muslim Community ) ने सवाल खड़े करते हुए दुनियाभर में कई मुस्लिम नेताओं ( Muslim Leaders ) ने वैक्सीन के बहिष्कार की अपील की है। ऑस्ट्रेलिया के एक इमाम ने वैक्सीन को इस्लाम के खिलाफ ( Corona Vaccine Is Anti Islam ) बताते हुए इसे हराम’ करार दिया है और मुस्लमानों से टीका न लगवाने को कहा है। उन्होंने वैक्सीन के समर्थन में जारी फतवे पर हस्ताक्षर करने वाले मुस्लिम इमामों को लेकर भी निशाना साधा।
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ऑस्ट्रेलिया ( Australia ) के विवादित इमाम सूफियान खलीफा ( Sufiyan Khalifa ) ने इस बाबत एक वीडियो जारी करते हुए इस्लाम को मानने वालों से आग्रह किया है कि वे इस अत्याचार और फासीवाद का विरोध करें। उन्होंने वैक्सीन न लगवाने को कहा है और जो वैक्सीन को समर्थन कर रहे हैं ऐसे लोगों को आड़े हाथ लिया है। इमाम ने कहा कि वैक्सीन के इस्तेमाल को उचित ठहराने वाले संगठनों को शर्म आनी चाहिए।
ईसाई संगठनों ने भी उठाए सवाल
बता दें कि सूफियान खलीफा ने अपने बयान में आगे कहा कि ईसाई संगठन भी कोरोना वैक्सीन के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि कैथोलिक इस वैक्सीन के खिलाफ स्पष्ट रूप से खड़े हो गए हैं। क्योंकि वे जानते हैं कि यह ***** है, यह गैरकानूनी है। लेकिन, आप इसके विरोध के बजाय सरकार के साथ खड़े हैं? सूफियान खलीफा ने कहा ने उन लोगों पर शर्म करना चाहिए जो धर्म के खिलाफ सरकार के साथ खड़े हैं।
मालूम हो कि सिडनी के कैथोलिक आर्कबिशप ( Catholic Archbishop ), सिडनी के एंग्लिकन आर्कबिशप ( Anglican Archbishop of Sydney ) और शहर के ग्रीक ऑर्थोडॉक्स आर्कबिशप ( Greek Orthodox Archbishop ) ने कोरोना वैक्सीन का विरोध किया है। इसको लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखते हुए 25 मिलियन वैक्सीन खरीदने के सौदे पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
ऑक्सफॉर्ड कोरोना वैक्सीन पर इसलिए है विवाद
आपको बता दें कि मुस्लिम संगठन और कुछ ईसाई संगठन कोरोना वैक्सीन बनाने की तकनीक को लेकर विरोध कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि हमारी धार्मिक मान्यता इसे स्वीकार करने की इजाजत नहीं देता है। बताया जा रहा है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से बनाए जा रहे वैक्सीन को भ्रूण की कोशिकाओं (सेल) में उगाया जाता है, जिसे दवा पैक होने से पहले हटा दिया जाता है।
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इस सेल को 1973 में नीदरलैंड ( Netherlands ) में एक कानूनी गर्भपात से प्राप्त किया गया था। जिसके बाद इसमें बदलाव कर दिया गया था जिससे ये सेल्स लैब में लगातार डिवाइड होती रहें। अब इस सेल्स को कई धर्मों में पाप माना जाता है। लिहाजा मुस्लिम संगठन ( Muslim Organization ) और कई ईसाई संगठन व धार्मिक नेता इसका विरोध कर रहे हैं।