अब कंपनी और इसके दोनों अधिकारी अमरीकी अर्थव्यवस्था ( American Economy ) में किसी भी तरह का कारोबार और धन का लेन-देन नहीं कर पाएंगे। इतना ही नहीं, इन अधिकारियों के अमरीका में प्रवेश पर भी प्रतिबंध रहेगा। ट्रंप सरकार ने साफ कर दिया है कि अमरीका में मौजूद शिनजियांग प्रोडक्शन एंड कंस्ट्रक्शन कॉर्प्स की संपत्ति भी जब्त कर ली जाएगी।
अमरीका ने कहा है कि ये अधिकारी और कंपनी शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिम समुदाय ( Uyghur Muslim Community ) के उत्पीड़न और मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों में संलिप्त पाए गए हैं। आपको बता दें कि अमरीकी वित्त मंत्रालय ( US Ministry of Finance ) ने जानकारी देते हुए बताया है कि चीनी कंपनी और उसके अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
चीन कर सकता है पलटवार..
आपको बता दें कि हाल के कुछ समय में अमरीका और चीन के बीच काफी तनातनी बढ़ गई है और टकराव की स्थिति युद्ध स्तर तक पहुंच गई है। कोरोना वायरस ( Coronavirus ) को लेकर अमरीका चीन से काफी गुस्सा है, क्योंकि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( US President Donald Trump ) कई बार कह चुके हैं कि कोरोना वायरस चीन की देन है और इससे दुनिया में सबसे अधिक नुकसान अमरीका को अभी तक हुआ है।
अमरीका अब तक कई बड़े एक्शन लेते हुए चीन पर कई तरह की पाबंदी लगा चुका है और आगे लगाने की तैयारी में है। ऐसे में चीन और अमरीका के रिश्तों में और भी गिरावट देखने को मिल सकती है।
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एक हफ्ते पहले ही अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ह्यूस्टन स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास ( Houston-based Chinese Consulate ) को बंद करने का आदेश दिया था, वहीं चीन ने भी पलटवार करते हुए चेंगदू स्थित अमरीकी वाणिज्य दूतावास ( American consulate ) को बंद करा दिया।
चीनी अधिकारियों पर अमरीकी प्रतिबंध
बता दें कि इससे पहले उइगर मुस्लिमों पर चीन के अत्याचार को लेकर अमरीका ने सख्ती दिखाते हुए शिनजियांग के कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव चेन क्वांगो, शिनजियांग पोलिटिकल और लीगल कमेटी के सचिव झू हैलून और शिनजियांग पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो के वर्तमान पार्टी सचिव वैंग मिंगशान पर प्रतिबंध लगाया था।
उइगर मुस्लिमों के साथ हो रहे अत्याचार को लेकर दुनियाभर में चीन की आलोचना हो रही है। लेकिन चीन इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं है। यही कारण है कि अब अमरीका ने चीन के खिलाफ सदन में उइगर मुस्लिमों को लेकर एक बिल भी पास किया है।