आतंकवाद,आर्थिक सुधार की स्थिति में मोदी सरकार से कड़े फैसले की अपेक्षाएं की जा रही हैं। पूरी दुनिया मान रही है कि मोदी सरकार दोनों ही मुद्दों पर कड़े फैसले ले सकती है। बीते कार्यकाल में जीएसटी, नोटबंदी का निर्णय काफी अहम थे। इससे देश में क्लीन इकनॉमी का प्रचार हुआ है। विदेशी देशों से निवेश की संभावनाएं बढ़ रही हैं। इस कार्यकाल में माना जा रहा है कि मोदी बाहर के देशों से भारी निवेश लाने की कोशिश करेंगे। अमरीका, फ्रांस, जर्मनी और जापान से भारत के संबंध गहरे होते जा रहे हैं। सभी चीन के समकक्ष भारत को देखना चाहते हैं। वे भारत की अर्थव्यवस्था को बड़ी ताकत दे सकते हैं।
मोदी सरकार आतंकवाद को लेकर शुरू से ही सख्त रही है। उरी हमला और पुलवामा हमले के बाद भारत की कार्रवाई ने सभी को प्रभावित किया। उरी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में घुसकर सैन्य कार्रवाई की। वहीं बालाकोट में एयरस्ट्राइक करके मोदी ने पूरी दुनिया को जता दिया कि भारत अब चुप बैठने वाला नहीं है। पाकिस्तान के आतंकी मौलाना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के बाद महाशक्तियों को अब उम्मीद है कि भारत में मोदी सरकार कई बड़े बदलाव के पड़ाव पर है।
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