पाक आइएसआइ की मदद से अफगानिस्तान से भारत पहुंच रही हेरोइन!
क्या ट्वीट किया गयाबता दें कि अफगानी उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने सालेह ने ट्विटर पर भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद 1971 में पाकिस्तान द्वारा समर्पण के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने की तस्वीर पोस्ट की। इस दस्तावेज को इंस्ट्रूमेंट ऑफ सरेंडर भी कहा जाता है। इस तस्वीर को साझा करते हुए सालेह ने लिखा, ‘हमारे इतिहास में ऐसी कोई तस्वीर नहीं है और न कभी होगी। हाँ, कल मैं एक सेकंड के लिए हिल गया क्योंकि एक रॉकेट ऊपर से उड़कर गया और कुछ मीटर दूर गिर गया। प्रिय पाक ट्विटर हमलावरों, तालिबान और आतंकवाद इस तस्वीर के आघात को ठीक नहीं कर सकेंगे।’
बता दें कि 1971 में भारतीय फौज ने पाकिस्तानी सेना के घुटने टिका दिए थे और पाकिस्तान का हिस्सा अलग देश बना था जिसका नाम बांग्लादेश रखा गया। इसी दौरान पाकिस्तान को सार्वजनिक रूप से भारतीय की सेना और बांग्लादेश की मुक्ति वाहिनी की संयुक्त सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था। 13 दिनों तक चले इस युद्ध के बाद पाकिस्तान के जनरल अमीर अब्दुल्ला खान नियाजी ने लगभग 93 हज़ार सैनिकों के साथ 16 दिसंबर को ढाका में आत्मसमर्पण किया और समर्पण के दस्तावेज इंस्ट्रूमेंट ऑफ सरेंडर पर हस्ताक्षर किए।
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गौरतलब है कि पाकिस्तान के उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने पाकिस्तानी सेना की ओर से स्पिन बोल्डक क्षेत्र में तालिबान को समर्थन किए जाने के कारण ट्विटर पर कई ट्वीट किए हैं, जिससे पाकिस्तान और अफगानिस्तान की कलह खुलकर सामने आ चुकी है।हाल ही में अफगानी सेना और तालिबान के बीच चल रहे युद्ध को कवर करते हुए भारत के फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की मौत हो गई थी। जिसके बाद अफगानिस्तान ने तालिबानियों पर हत्या का आरोप लगाया था। हालांकि तालिबानी प्रवक्ता ने इस बात से इनकार करते हुए कहा था कि, ‘तालिबान ने भारतीय पत्रकार की हत्या नहीं कि है और उन्हें पत्रकार की मौत पर खेद है।’