जुलाई में जहां देशभर में 10 फीसदी कम मानसून की बारिश हुई तो वहीं अगस्त में मानसून ने रफ्तार को ऐसा पकड़ा कि सामान्य से 25 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।
कांग्रेस में अंदरुनी कलह के बीच दिग्गज नेता का हुआ निधन, देशभर में शोक की लहर आमतौर पर अगस्त के अंतिम दिनों में बारिश की रफ्तार भी कम हो जाता है। लेकिन पिछले 15 दिनों में भारी बारिश का दौर लगभर देश के हर हिस्से में देखने को मिला है। मध्य भारत से लेकर दक्षिण भारत और उत्तर भारत के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश ने कई दिनों की कमी को भरने का काम किया है।
मानसून ने इस बार अगस्त में जोरदार रफ्तार पकड़ी है। अगस्त में पड़ी बारिश ने दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 28 अगस्त तक देश में 25 फीसदी ज्यादा बारिश पड़ी है। हाल ही के हफ्तों में दक्षिण और केंद्रीय भारत में पड़ी बारिश ने 44 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा है।
IMD के मुताबिक इससे पहले भारत में अगस्त के महीने में इतनी बारिश 1976 में देखी गई थी। यानी पूरे 44 वर्ष बाद बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 1976 में सामान्य से 28.4 फीसदी बारिश रिकॉर्ड की गई थी। वहीं 2020 में 25 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। हालांकि तीन दिन शेष रहते ये आंकड़े सामने आए हैं।
मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अगले तीन दिन तक सक्रिय मानसून की यही स्थिति रहनी है। अब तक 296.2 मिमि पड़ी बारिश
देशभर में अगस्त के दौरान औसतन 296.2 मिमी बारिश पड़ी है जबकि सामान्य तौर पर इस महीने में भारत में 237.1 मिमी बारिश पड़ती है।
कोरोना की मार झेल रही चेन्नई सुपर किंग्स को लगा एक और झटका, सुरेश रैना आईपीएल छोड़ लौटे भारत सेंट्रल इंडिया में ज्यादा बारिशआपको बता दें कि मौजूदा समय में सेंट्रल इंडिया यानी केंद्रीय भारत में भारी बारिश का दौर जारी है। यहां अगस्त में सामान्य से 57 फीसदी ज्यादा बारिश पड़ चुकी है। जबकि दक्षिण भारत में 42 फीसदी ज्यादा बारिश पड़ी है।
इस वजह से ज्यादा पड़ी बारिश
दरअसल जुलाई में मानसूनी बारिश सामान्य से 10 फीसदी कम थी लेकिन अगस्त में इसने रफ्तार पकड़ी और सामान्य से 25 फीसदी ज्यादा हो गई, इसके पीछे बड़ी वजह बंगाल की खाड़ी में निम्न दवाब का क्षेत्र बनने की वजह से बारिश ज्यादा हुई है। सिर्फ अगस्त के महीने में बंगाल की खाड़ी में पांच बार निम्न दबाव का क्षेत्र बना। जबकि जुलाई में इसकी संख्या सिर्फ एक ही थी।