देश के मैदानी इलाकों के साथ-साथ मानसून का असर पहाड़ी इलाकों पर भी आसानी से देखा जा सकता है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मानसून अपने शबाब पर है। लेकिन बारिश का सबसे ज्यादा असर उत्तराखंड में देखने को मिल रहा है। ऋषिकेश में गंगा नदी का जल स्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। यहां गंगा 338.05 मीटर तक के स्तर पर पहुंच गई है।
मौसम जानकारों की माने तो 11 से 15 जुलाई तक उत्तराखंड में जोरदार बारिश होने के आसार बने हुए हैं। ऐसे में नदी के जल स्तर को खतरे के निशान पार करने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। यही वजह है कि प्रशासन की ओर से पहले ही इस विपदा से निटपने की तैयारियां कर ली गई हैं। साथ ही एनडीआरएफ की टीम को भी अलर्ट कर दिया गया है।
देश के पूर्वोत्तर राज्यों की बात करें तो यहां भी मानसून की बारिश ने लोगों को परेशानियां बढ़ा दी हैं। सिक्किम से लेकर नागालैंड और अमस से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक जोरदार बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है।
अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम केमेंट जिले में आई मूसलाधार बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। यहां के टेंगा पानी इलाके में आई बाढ़ के में कई लोग लापता हो गए हैं। बाढ़ में बहे इन लोगों को ढूंढने के लिए पैरमिलीट्री फोर्स और आप प्रबंधन की टीमें जुटी हुई हैं।
मौसम की जोरदार बारिश के बीच पिछले दिन महाराष्ट्र के रत्नीगिरी तिवरे बांध के टूट जाने से कई लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कुछ इस बांध के टूटन से लापता भी हो गए थे। सर्च ऑपरेशन टीम को अब तक यहां से 20 शव मिल चुके हैं, जबकि 3 शव अब भी लापता हैं। पिछले आठ दिन से चल रहा सर्च ऑपरेशन बुधवार को भी जारी रहा। एनडीआरएफ की टीम लगातार यहां लापता शवों को ढूंढने में जुटी हुई है।