दरअसल आईटीबीपी (ITBP), एनडीआरएफ (NDRF), एसडीआरएफ (SDRF) और उत्तराखंड पुलिस की संयुक्त टीम इस सुरंग में 100 मीटर अंदर तक पहुंच चुकी है, लेकिन आगे कचरे का अंबार है। सुरंग में कई टन कीचड़ भरा हुआ है। रेस्क्यू टीम के आगे सबसे बड़ी बाधा कीचड़ बना हुआ है।
किसानों पर भारतीय हस्तियों के ट्वीट की होगी जांच! महाराष्ट्र सरकार उठा सकती है बड़ा कदम सीएम त्रिवेंद्र रावत के मुताबिक करीब 50 मीटर तक कचरा और है। ऐसे में रेस्क्यू टीम इस बाधा को पार कर जाती है तो हमें कुछ अच्छी खबर मिल सकती है।
एनटीसीपी के विशेषज्ञों ने बताया है कि ये सुरंग एक किलोमीटर से ज्यादा लंबी है और सुरंग के अंदर कई रास्ते हैं। आकलन किया गया है कि सैलाब का मलबा ज्यादा से ज्यादा 200 मीटर तक अंदर गया है। इसमें से आधा रास्ता टीम साफ कर चुकी है। करीब 50 मीटर और पार हो जाता है, बेहतर स्थिति तक पहुंच जाएंगे।
आपको बता दें कि सैलाब ने सबसे ज्यादा नुकसान एनटीपीसी के पावर प्रोजेक्ट को पहुंचाया है। ये पावर प्रोजेक्ट तपोवन में बन रहा है और वहां दो टनल यानी सुरंगों का काम बड़े ही जोर शोर से चल रहा है, लेकिन ग्लेशियर टूटने के बाद जब 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जो पानी यहां पहुंचा, तो सुरंगों में कीचड़ भर गया।