स्वच्छता सर्वेक्षण से जुड़े आंकड़ों पर नजर
– 28 दिन में पूरा किया गया स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 का काम
– 1.7 करोड़ नागरिकों ने स्वच्छता एप पर रजिस्ट्रेशन कराया
– 11 करोड़ से ज्यादा बार इसे सोशल मीडिया पर देखा गया
– 4,242 शहरों से 1.87 करोड़ लोगों ने इस सर्वे में भाग लिया
– 62 छावनी बोर्ड व गंगा के आसपास बसे 92 कस्बे शमिल हैं
जब राजीव गांधी को पश्चिम बंगाल में आया एक फोन, कुछ घंटों में ही बदल गया सबकुछ, जानें क्या हुआ था मंत्रालय के प्रवक्ता राजीव जैन के मुताबिक 5.5 लाख से ज्यादा सफाई कर्मचारी सामाजिक कल्याण कार्यक्रम से जोड़े गए और कचरा बीनने के काम में लगे 84,000 से ज्यादा लोगों को मुख्यधारा में लाया गया।
दरअसल सरकार ने इस मिशन की शुरुआत लोगों में रुचि और प्रतिस्पर्धा पैदा करने के लिए की थी। इससे सबसे स्वच्छ शहर बनने की दिशा में शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा हुई।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 की सूची
इंदौर, सूरत, नवी मुंबई, विजयवाड़ा, अहमदाबाद, राजकोट, भोपाल, चडीगढ़, विशाखापत्तनम, वडोदरा, नासिक, लखनऊ, ग्वालियर, ठाणे, पुणे, आगरा, जबलपुर, नागपुर, गाजियाबाद, प्रयागराज, रायपुर, कल्याण डोंबिवली, हैदराबाद, पिंपरी, चिंचवाड़, कानपुर, औरंगाबाद, वाराणसी, जयपुर, जोधपुर, रांची, साउथ दिल्ली, वसंत विहार, धनबाग, लुधियाना, ग्रेटर मुंबई, श्रीनगर, बेंगलूरू, फरीदाबाद, अमृतसर, कोयंबतुर, मेरठ, मदुरै, नॉर्थ दिल्ली, कोटा, चेन्नई, ईस्ट दिल्ली और आखिरी स्थान पर बिहार की राजधानी पटना है।
कोरोना संकट के बीच भारतीय रेलवे का एक और कारनामा, लॉकडाउन की अवधि में तैयार कर दिया खास इंजन, जानें इसकी खासियत आपको बता दें कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के टॉप 10 शहरों में गुजरात के चार शहरों सूरत, अहमदाबाद, राजकोट और वडोदरा ने जगह बनाई है। यानी सभी राज्यों में सबसे अच्छा परिणाम गुजरात का रहा है। जबकि मध्य प्रदेश के भी दो शहर इंदौर और भोपाल टॉप 10 में जगह बनाने में सफल रहे हैं। जबकि बाढ़ और कोरोना की मार झेल रहे बिहार के लिए सफाई के मामले में बुरी खबर ही सामने आई। राजधानी पटना सूची में सबसे आखिरी में रही। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए बड़ी मुश्किल भी बन सकती है।