लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। इसको लेकर 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका कर दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट में आज इस याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका के जरिए विपक्षी दलों ने शीर्ष अदालत से 50 प्रतिशत वोटों का सत्यापन ( VVPAT) पर्ची से कराए जाने की मांग की थी। इस मामले में टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्राबाबू नायडू, आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, वामपंथी पार्टियां, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी सहित 21 विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
इससे पहले बसपा, सपा और आप ने पिछले महीने एक ज्ञापन चुनाव आयोग को सौंपा था जिसमें नवंबर में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कई संदेहास्पद गतिविधियों के बारे में बताया गया था। विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग से इन मामलों को गंभीरता से लेने की मांग की थी।
बता दें कि चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इस बार आम चुनाव सात चरणों में संपन्न कराए जाएंगे। पूरे देश में 10 लाख बूथों पर मतदान होगा। सभी पर वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल होगा। इसके बावजूद ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर एक बार फिर विपक्षी दलों को डर सताने लगा है।