अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स का हेडक्वार्टर मुंबई नहीं अहमदाबाद होगा, बड़े लेवल पर जिम्मेदारी में भी फेरबदल
शिवेसना का आरोप है कि मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (MIAL) का नाम पहले छत्रपति शिवाजी महाराज एयरपोर्ट के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब यहां पर अडानी एयरपोर्ट का बोर्ड लगाया गया है। ऐसे में शिवाजी का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
अडानी ग्रुप को मिला है एयरपोर्ट प्रबंधन का जिम्मा
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले जुलाई में अडानी ग्रुप ने मुंबई एयरपोर्ट के प्रबंधन का काम संभाला है। अडानी समूह ने पिछले कुछ सालों में एविएशन सेक्टर में भारी निवेश किया है। इसके बाद अब तक कई एयरपोर्ट के प्रबंधन का काम अपने हाथों में लिया है। मुंबई एयरपोर्ट के प्रबंधन की कमान पहले जीवीके ग्रुप के पास था। अडाणी समूह ने पिछले साल अगस्त में ऐलान किया था कि वह मुंबई एयरपोर्ट में जीवीके समूह की हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा।
गौतम अडाणी के हाथ में आई मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कमान, वैल्यूएशन 29000 करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य
GVK एयरपोर्ट डेवलपर्स लिमिटेड के साथ सौदा पूरा होने के साथ ही MIAL में अडानी ग्रुप की हिस्सेदारी 74 फीसदी हो गई है। MIAL की बाकी 26 फीसदी हिस्सेदारी एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के पास है। MIAL की स्थापना 2 मार्च 2006 को हुई थी। यह कंपनी छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विकास, निर्माण और परिचालन का काम करती है।
अडानी ग्रुप ने देश के अब कुल 6 एयरपोर्ट के प्रबंधन का संभाल लिया है। अडानी ग्रुप इन 6 एयरपोर्ट्स का विकास, प्रबंधन और परिचालन अगले 50 साल तक करेगा। इस तरह से अडानी ग्रुप एयरपोर्ट्स की संख्या के लिहाज से देश में सबसे बड़ा एयरपोर्ट ऑपरेटर बनने जा रहा है। विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर ये आरोप लगाती रही है कि देश की संस्थाओं को निजी हाथों में बेचा जा रहा है।