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जून में होगी अगली तारीख
पिंकी आनंद ने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग ने विस्थापित महिलाओं की मदद की है। उन्होंने इन संगठनों के खिलाफ अभियोग चलाए जाने की भी मांग की। आनंद के अनुरोध पर पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता अरुण मुखर्जी और चार अन्य द्वारा दायर जनहित याचिका में एनएचआरसी और राष्ट्रीय महिला आयोग को लेकर एक पक्ष बनाने को कहा। पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई के लिए जून की तारीख तय की।
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इन लोगों ने डाली थी याचिका
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से राज्य में राजनीतिक हिंसा और लक्षित हत्याओं की घटनाओं की जांच करने और मामला दर्ज करने के लिए एक एसआईटी गठित करने का आग्रह किया गया था। दलील में कहा गया, “राज्य प्रायोजित हिंसा के कारण पश्चिम बंगाल में लोगों के पलायन ने उनके अस्तित्व से संबंधित गंभीर मानवीय मुद्दों को जन्म दिया है, जहां वे संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निहित अपने मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के साथ दयनीय परिस्थितियों में रहने के लिए मजबूर हैं।” यह याचिका मुखर्जी और कुछ अन्य लोगों द्वारा दायर की गई थी, जो 2 मई के बाद राज्य में चुनाव के बाद हो रही हिंसा से पीडि़त होने का दावा करते हैं।