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हर साल यहां देश भर से श्रद्धालु उर्स के दौरान आते हैं
सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का तीर्थस्थल हिंदू और मुस्लिमों दोनों के लिए समान रूप से पवित्र माना जाता है। हर साल यहां देश भर से श्रद्धालु उर्स के दौरान आते हैं। दरगाह के खादिम मोहल्ला से बुलंद दरवाजा तक जुलूस के बाद गोरी परिवार द्वारा पारंपरिक रूप से पिछले हफ्ते उर्स का झंडा फहराया गया था। यह लगातार चौथा वर्ष है जब पाकिस्तान का एक प्रतिनिधिमंडल उर्स में शामिल नहीं होगा। आईबी के सूत्रों ने कहा कि वीजा के लिए पाकिस्तान से कोई मांग नहीं थी।
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इस वर्ष 9 फरवरी को उर्स शुरू हुआ और 28 फरवरी को समाप्त होगा। सबसे शुभ माने जाने वाले उर्स के छठे दिन को “छठी शरीफ” कहा जाता है।