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पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

इंडिक कलेक्टिव ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए मांग की है कि पश्चिम बंगाल में संवैधानिक व्यवस्थाएं टूट गई है, लिहाजा, संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा जाए।

May 04, 2021 / 06:59 pm

Anil Kumar

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Petition filed in Supreme Court seeking President’s rule in West Bengal

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी की प्रचंड जीत के बाद राज्य में कई जगहों पर हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं। कई लोगों की मौत भी हो गई है। ऐसे में भाजपा ने टीएमसी पर आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।

वहीं, इंडिक कलेक्टिव ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए मांग की है कि पश्चिम बंगाल में संवैधानिक व्यवस्थाएं टूट गई है, लिहाजा, संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा जाए।

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बता दें कि 2 मई को विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों के खिलाफ अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों द्वारा पूरे राज्य में व्यापक हिंसा की कई घटनाएं को अंजाम देने को लेकर याचिका दायर की गई है।

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चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद हुई कई हिंसक घटनाएं

याचिकाकर्ता ने महामहिम राष्ट्रपति से अनुच्छेद 356 के तहत उचित कार्रवाई करते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। इसके अलावा, याचिकाकर्ता संघ ने पश्चिम बंगाल में लक्षित कर राजनेताओं व अन्य लोगों को निशाना बनाकर हमला करने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल गठित करने के लिए दिशा-निर्देश की भी मांग की है।

वकील जे साई दीपक द्वारा अधिवक्ता सुविदत्त एमएस के माध्यम से दायर की गई याचिका में केंद्र सरकार से सीआरपीएफ और सेना को तैनात करने का निर्देश देने की मांग की गई है, ताकि राज्य में हिंसा और कानून व्यवस्था बहाल की जा सके। याचिका में कहा गया है कि यह कई परेशान करने वाली खबरों और लेखों में आया है जिसमें राज्य के चुनाव में सत्तारूढ़ दल का विरोध करने वाले राजनीतिक दलों के सदस्यों और समर्थकों को विशेष रूप से निशाना बनाते हुए जघन्य अपराध किए गए हैं।

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यह भी कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद से विजयी राजनीतिक दल से संबंधित कई उपद्रवियों और हिंसक तत्वों ने कहर बरपाया है। याचिका में कहा गया है कि अंतर्राज्यीय, बमबारी, हत्या, सामूहिक बलात्कार, महिलाओं की विनयशीलता, आगजनी, अपहरण, लूट, बर्बरता और सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने के जघन्य अपराध करने से राज्य में अशांति है। याचिका में आगे कहा गया है कि पश्चिम बंगाल राज्य की कार्रवाई लोकतंत्र के सिद्धांतों को विफल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

आपको बता दें कि 2 मई को विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित किए गए, जिसमें तृणमूल कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत के साथ जीत दर्ज की, जबकि भाजपा ने भी शानदार प्रदर्शन किया। चुनाव से पहले भाजपा ने 200 से अधिक सीटों के साथ सरकार बनाने का दावा किया था, लेकिन इसके विपरित ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने 2016 से भी बेहतर प्रदर्शन किया और 216 सीटों पर जीत दर्जी की। 2016 में टीएमसी को 211 सीटों पर जीत मिली थी। भाजपा को 2016 में 3 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि 2021 में 76 सीटों पर जीत हासिल की है।

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