राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर देश की संस्थाओं और राज्यों के खिलाफ पेगासस का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। संसद के बाहर मीडिया को संबोधित करते हुए, राहुल गांधी ने कहा, “पेगासस को इजरायल राज्य द्वारा एक हथियार के रूप में वर्गीकृत किया गया है और उस हथियार का इस्तेमाल आतंकवादी के खिलाफ किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) और केंद्रीय गृहमंत्री ने इस हथियार का इस्तेमाल भारत और हमारी संस्थाओं के खिलाफ किया।”
पीएम मोदी की भूमिका की हो न्यायिक जांच: राहुल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पेगासस विवाद की जांच होनी चाहिए और गृह मंत्री को इस्तीफा देना होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री पर देश की जनता के खिलाफ इस (पेगासस) हथियार का इस्तेमाल करने और राफेल लड़ाकू विमान सौदे की जांच में बाधा डालने का भी आरोप लगाया।
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राहुल ने यह भी कहा, “उन्होंने मेरा फोन टैप किया। यह मेरी निजता के बारे में नहीं है, राहुल गांधी की निजता के बारे में नहीं है। मैं एक विपक्षी नेता हूं और मैं जनता के मुद्दों को उठाता हूं। यह उस पर हमला है। यह लोगों की आवाज पर हमला है।”
उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी पर न्यायिक जांच और एससी जांच का आदेश दिया जाना चाहिए, क्योंकि कोई और पेगासस को अधिकृत नहीं कर सकता है। यह प्राधिकरण केवल प्रधान मंत्री और गृह मंत्री द्वारा ही किया जा सकता है।”
कर्नाटक में सरकार गिराने के लिए किया गया इस्तेमाल
राहुल गांधी ने एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पेगासस का इस्तेमाल राजनीतिक रूप से किया गया है। केंद्र सरकार ने कर्नाटक में सरकार (कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन) को गिराने के लिए पेगासस का इस्तेमाल किया है। इसका इस्तेमाल जांच को रोकने के लिए भी किया गया है.. सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ भी इसका इस्तेमाल किया गया है.. उन्होंने इस देश के सभी संस्थानों के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया है। ऐसे में इसके लिए एक ही शब्द है-देशद्रोह। इसके लिए और कोई शब्द नहीं है।
विपक्ष ने संसद परिसर में किया प्रदर्शन
आपको बता दें कि इससे पहले आज (शुक्रवार) कांग्रेस, द्रमुक और शिवसेना के सांसदों ने संसद परिसर के अंदर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने कथित पेगासस जासूसी विवाद का विरोध किया। प्रदर्शन कर रहे सांसदों ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग की।
सांसदों ने “#पेगौसस स्नूप गेट” के नारे वाले बैनर लिए अपना विरोध दर्ज कराया। इससे पहले गुरुवार को टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने केंद्र और विपक्ष के बीच पेगासस मुद्दे पर जारी गतिरोध के बीच राज्यसभा में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से पेगासस मामले पर बयान देते समय पेपर छीन लिया और इसे फाड़ दिया। इस मामले पर अब सभापति ने कार्रवाई करते हुए पूरे सत्र से शांतनु सेन को निलंबित कर दिया है।
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विपक्ष ने आरोप लगाया है कि पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग कर एक अज्ञात एजेंसी द्वारा निगरानी के लिए संभावित लक्ष्यों की लीक सूची में कई भारतीय राजनेताओं, पत्रकारों, वकीलों और कार्यकर्ताओं के नाम सामने आए हैं। इसमें राहुल गांधी, प्रशांत किशोर, ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस, चुनाव आयोग के पूर्व आयुक्त, कई बड़े-बड़े पत्रकार, समाजिक कार्यकर्ता आदि शामिल हैं।
कांग्रेस ने देशभर में किया प्रदर्शन
पेगासस विवाद को लेकर कांग्रेस ने गुरुवार को देशभर में सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग की। कांग्रेस ने कहा कि जांच से पहले गृह मंत्री अम्त शाह को इस्तीफा देना चाहिए।
कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जम्मू, जयपुर, कोलकाता, विजयवाड़ा, पटना, रांची, बेंगलुरु, चंडीगढ़, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, रायपुर, लखनऊ और देहरादून में पेगासस विवाद को लेकर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अमित शाह के तत्काल इस्तीफे और इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की जांच और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग की।