एक मीडिया हाउस से बात करते हुए पवन जल्लाद ने पूर्व जज ऊषा मेहरा, पूर्व पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार,
तिहाड़ जेल के पूर्व लॉ अफसर सुनील गुप्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ता जॉन दयाल के सामने कहा कि मैं निर्भया केस के चारों आरोपियों को फांसी देने के लिए पूरी तरह से तैयार हूं। यह मेरा खानदानी काम है। उन्होंने कहा कि अब तक मैं पांच लोगों का फांसी दे चुका हूं। इनमें दो पटियाला, एक आगरा, एक इलाहाबाद, एक मेरठ शामिल है।
पवन जल्लाद ने कहा कि मैं इन चारों को एक बार में मौत के घाट उतार सकता हूं। अगर तिहाड़ जेल प्रशासन मुझे ये मौका देगा तो मैं इन दरिंदों को फांसी पर लटकाने में जरा सा भी देर नहीं लगाऊंगा। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर अभी तक मेरे पास कोई फोन, संदेश, निर्देश या आदेश नहीं आया है। अगर मैं चारों अपराधियों को फांसी पर लटका दूंगा तो मैं अपने दादाजी का रिकॉर्ड तोड़ दूंगा। मुझे कतई बुरा नहीं लगता जब लोग मेरे नाम के आगे जल्लाद का संबोधन करते हैं। ये मेरा खानदानी काम है। हालांकि, सवाल यह उठता है कि क्या सच में एकसाथ चारों को फांसी पर लटकाया जा सकता है। इस पर तिहाड़ जेल के पूर्व लॉ अफसर सुनील गुप्ता ने कहा कि तिहाड़ जेल में निर्भया केस के चारों अपराधियों को एकसाथ फांसी दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि फांसी के तख्त पर थोड़ा सा बदलाव करके ऐसा किया जा सकता है। एक ही लीवर खींचने से चारों अपराधी मौत के घाट उतारे जा सकते हैं। लेकिन, अब तक ऐसा नहीं हुआ है। अब दो लोगों को एक साथ फांसी दिया जा चुका है।