ऐसा इसलिए कि भारत ( India ) की गिनती जेनेरिक दवाओं और वैक्सीन ( Generic drugs and vaccine ) की दुनिया में सबसे बड़े मैन्युफैक्चरर्स में होती है। वर्तमान में भारत की ये कंपनियां पोलियो, मैनिनजाइटिस, निमोनिया, रोटावायरस, बीसीजी, मीजल्स, मंप्स और रूबेला समेत दूसरी बीमारियों के लिए वैक्सीन बनाने का काम करती हैं।
भरोसे का साथी : मिस होने के बाद 90Km का रास्ता तय कर घर पहुंचा डॉगी 1. कोवैक्सीन – भारत बायोटेक ( Covaxine – Bharat Biotech ) कोवैक्सीन का निर्माण कंपनी के हैदराबाद कारखाने में किया जाएगा। कंपनी ने पिछले सप्ताह मानव पर क्लिनिकल परीक्षण शुरू किया है। पहले और दूसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण की अनुमति मिली है।
2. जाइकोव-डी – जायडस कैडिला वैक्सीन ( Zykov-D – Zydus Cadila Vaccine ) जाइकोव—डी परीक्षण के दौरान टीका प्रभावी साबित होता है तो टीका उतारने में 7 माह लगेंगे। कंपनी अध्ययन के नतीजों के आधार पर काम करेगी। कंपनी को क्लिनिकल परीक्षण 7 माह में पूरा करने की उम्मीद है।
3. एस्ट्रजेनेका – सीरम इंस्टीट्यूट वैक्सीन ( AstraZeneca – Serum Institute Vaccine ) यह कंपनी एस्ट्रजेनेका ऑक्सफोर्ड वैक्सीन पर काम कर रही है। कंपनी की अगस्त 2020 में भारत में मानव परीक्षण शुरू करने की योजना है। इसका तीसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण चल रहा है।
सेना की तैयारी से Dragon खामोश, अब समुद्र में Indian Navy की तैयारी से डरा चीन 4. इंडियन इम्यूनोलॉजिकस वैक्सीन ( Indian immunologic vaccine ) इस कंपनी ने टीका विकसित करने के लिए ऑस्ट्रेलिया के साथ करार किया है। कंपनी ऑस्ट्रेलिया की ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के साथ मिल कर रिसर्च करेगी। अभी प्री क्लिनिकल ट्रायल जारी है।
5. मायनवैक्स वैक्सीन ( Minwax Vaccine ) इस कंपनी की योजना 18 माह में टीका विकसित करने की है। कंपनी की दो दर्जन टीमें टीका विकसित करने की दिशा में काम कर रही हैं। कंपनी ने 15 करोड़ की राशि के लिए बीआईआरएसी को अर्जी दी है। फिलहाल प्री क्लिनिकल ट्रायल जारी है।
6. पैनेशिया बायोटेक वैक्सीन ( Panacea biotech vaccine ) टीका विकसित करने के लिए अमरीका की रेफैना के साथ करार किया है। कंपनी की आयरलैंड में एक संयुक्त उद्यम स्थापित करने की योजना है। 4 करोड़ से अधिक खुराक अलगे साल तक आपूर्ति की जा सकेंगी। अभी प्री क्लिनिकल ट्रायल जारी है।
Bihar Assembly Election : इस बार JDU का नया नारा – ‘हां मैं नीतीश कुमार हूं’ 7. बायोलॉजिकल ई वैक्सीन ( Biological e vaccine ) बायोलॉजिकल कंपनी में अभी प्री क्लिनिकल ट्रायल ही जारी है।
बता दें कि दुनिया में कोरोना वायरस से 1.44 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। इससे 6 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे वक्त में सबसे ज्यादा जरूरत कोरोना वायरस की वैक्सीन की है। दुनिया के कई देशों के वैज्ञानिक इस कोशिश में जुटे हैं। भारतीय फार्मा कंपनियों की बात की जाए तो भारत बायोटेक, सीरम इंस्टिट्यूट, जायडस कैडिला, पैनेशिया बायोटेक, इंडियन इम्यूनोलॉजिकस, मायनवैक्स और बायोलॉजिकल ई कोविड-19 का टीका तैयार करने का प्रयास कर रही है।