चीन से हैकिंग हमले को लेकर क्या तैयारी है?
इस चिंता और समस्या से हम वाकिफ हैं। हमने पूरा प्रयास किया है कि यह पूरी व्यवस्था और आंकड़े पूरी तरह सुरक्षित रहें। इसके लिए आधुनिकतम तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
को-विन का अब तक का अनुभव कैसा रहा?
पहले चरण में लाभार्थियों के आंकड़े इक_ा कर उसका उपयोग कर उन्हें टीकाकरण केंद्र आवंटित किए गए। लेकिन अब दूसरे चरण में इसे पूरी तरह जन केंद्रित प्लेटफार्म के रूप में विकसित किया गया है। नागरिक खुद रजिस्टर करे, अप्वाइंटमेंट निर्धारित करे।
लेकिन शुरुआत में तो यह एक ऐप के तौर पर काम कर रहा था…?
यह उस समय भी पब्लिक फेसिंग ऐप नहीं था। लेकिन जब सामान्य जन का टीकाकरण होने लगा तो हमने दो काम किए। आरोग्य सेतु ऐप में इसका एक्सटेंशन बनाया और कोविन पोर्टल बनाया। एक करोड़ लोगों ने नाम दर्ज करवाया है। कुछ लोग चूंकि ऐसा ऐप खोज रहे थे और कुछ लोगों ने ऐसे ऐप बना भी लिए थे जो कि यह काम नहीं कर रहे थे तो लोग हमें दोष दे रहे थे।
क्या को-विन ऐप आम लोगों के लिए भी लाएंगे?
आरोग्य सेतु ऐप कोरोना संबंधी काम के लिए ही बनाया गया था। इसकी पहुंच 15 करोड़ लोगों तक है। अलग-अलग ऐप से और भ्रम पैदा होता है। बेहतर है कि यही ऐप दोनों काम करे। निकट भविष्य में आम लोगों के लिए अलग से को-विन ऐप की कोई तैयारी नहीं है।
क्या आरोग्य सेतु और पोर्टल में…?
लोग चाहे आरोग्य सेतु ऐप से आएं या कोविन पोर्टल से, सारे आंकड़े एक ही जगह जाते हैं। इस व्यवस्था में एक और सुगमता दी गई है कि आपने पहली डोज देश में कहीं भी लगवाई हो, यदि दूसरी डोज के समय आप किसी और जगह हैं तो वहां का अप्वाइंटमेंट भी ले सकते हैं। दूसरी खुराक के लिए आपको वापस उसी जगह आने की जरूरत नहीं होगी। इन दोनों माध्यमों से आपने रजिस्टर नहीं किया है और सीधे ही आपका टीकाकरण हुआ है तो भी आपको सर्टिफिकेट इन दोनों माध्यमों पर उपलब्ध हो जाएगा।
मोबाइल नंबर क्यों लिए जा रहे हैं?
हमें संपर्क करने के लिए कोई साधन तो चाहिए। उन्हें उनके निर्धारित समय के बारे में बता सकें, उनका सर्टिफिकेट दे सकें, कोई और सूचना दे सकें। साथ ही इससे आप व्यक्ति को ऑथेंटिकेट भी करते हैं। ऐसा ना हो कि कोई आपके नाम का दुरुपयोग कर ले।
क्या टीका सर्टिफिकेट से पीएम की फोटो हट गई?
यह सवाल आप मुझ से मत कीजिए। मंत्रालय से कीजिए। हम तो सिर्फ तकनीक प्रदान कर रहे हैं। इस संबंध में मंत्रालय पत्राचार कर रहा होगा। उन्होंने अपनी नीति तय की होगी और उसके मुताबिक काम करेंगे।
आयुष्मान योजना में छूटे लाभार्थियों के लिए क्या करेंगे?
फिलहाल तो हमने एक बड़ा अभियान शुरू किया है प्रत्येक लाभार्थी का आयुष्मान कार्ड बन जाए। ताकि इलाज हासिल करने में आसानी हो और कार्यक्रम को लेकर जागरूकता भी बढ़े।