दिल्ली हाईकोई ने इस मामले में मृतक के परिवारवालों की सुरक्षा के मद्देनजर विकास यादव की अर्जी ठुकराई है। इस मामले में विकास यादव ( Vikas Yadav ) उम्रकैद की सजा काट रहा है।
आपको बता दें कि इस सनसनीखेज और जघन्य हत्याकांड को 2002 में अंजाम दिया गया था। इस हत्याकांड के सजायाफ्ता विकास यादव ने पिछले साल भी पैरोल की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। विकास की याचिका को शीर्ष अदालत ने ठुकरा दिया था। उस वक्त कोर्ट ने बिना किसी छूट के सजा पूरी करने की बात कही थी।
Big decision : एक बार फिर दिल्ली में कोरोना टेस्टिंग करेंगे दोगुनी – सीएम केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने विकास यादव के मामले की सुनवाई करते हुए साफ कहा था कि उसे 25 साल की सजा सुनाई गई है, उसे पूरा करना होगा। 2002 में हुए बहुचर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड में उम्र कैद की सजा पाने वाले विकास यादव की पैरोल इससे पहले भी कई बार खारिज हो चुकी है।
प्रेम संबंधों को लेकर हुई थी हत्या 2002 में प्रेम संबंधों को लेकर हुई यह आपराधिक घटना काफी चर्चा में रही थी। नीतीश कटारा के अपहरण और उसके बाद हत्या के मामले में विकास यादव और उसके चचेरे भाई विशाल यादव को अदालत ने दोषी माना था।
नीतीश कटारा की हत्या के पीछे विकास की बहन भारती और नीतीश कटारा के बीच प्रेम संबंध को कारण बताया जाता है। अलग-अलग जाति के होने की वजह से दोषियों ने इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया था।