मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निर्भया के सभी दोषियों को अलग अलग सेल में रखा गया है। इनके साथ हम उम्र के दो-दो कैदियों को रखा गया है। इनके साथ ऐसे कैदियों को रखा गया है जो स्वभाव से उग्र नहीं हैं और उनका व्यवहार अच्छा है। उन कैदियों को इन्हें समझाने-बुझाने के लिए कहा गया है। इतना ही नहीं सभी दोषी लगातार खबरों पर भी नजर बनाए हुए हैं और भय के साये में जी रहे हैं।
बताया जा रहा है कि तिहाड़ में जहां फांसी दी जाती है, उस कक्ष की सफाई चल रही है। ऐसा तभी किया जाता है जब किसी कैदी को फांसी जल्द ही लगने वाली हो। हालांकि, इस पर अब भी जेल प्रशासन कुछ भी साफ-साफ कहने से इनकार कर रहा है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि जेल प्रशासन को अभी तक राष्ट्रपति भवन से कोई पुष्टि नहीं आई है कि दया याचिका खारिज हुई है या नहीं। उनका कहना है कि यह सभी प्रक्रिया जेल मैनुअल के अनुसार है। कहा यह भी जा रहा है कि दोषियों ने डर के कारण खाना-पीना तक छोड़ दिया है। हालांकि, जेल प्रशासन लगातार उनपर नजरें बनाई हुई है। अब देखना यह है कि इन दोषियों को फांसी दी जाती है या फिर कुछ और विकल्प सामने आता है?